दिल्ली चुनाव नतीजों के बाद उज्जैन में चल रहे धरने के दौरान बीजेपी पार्षद ने इस्तीफा दिया
उज्जैन। दिल्ली विधानसभा के चुनाव के नतीजे आने के बाद एनआरसी एवं सीएए को लेकर आंदोलन और तेज होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।चुनाव में चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सफाया होने के बाद देश के अलग-अलग प्रदेशों से इस आंदोलन को और मजबूती प्रदान करने के लिए भारतीय जनता पार्टी से संबंधित जनप्रतिनिधि पार्टी से इस्तीफा देने तैयारी कर रहे हैं। इसी सिलसिले में उज्जैन में पिछले तीन दिनों में एक पार्षद सहित कई बीजेपी नेताओं ने पार्टी को अलविदा कर दिया है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों ने देश में नई दिशा तय की है। जिस धर्म के आधार पर भारतीय जनता पार्टी लोगों को बांटने का काम कर रही थी उसे दिल्ली चुनाव में पूरी तरह नकार दिया है इसी को लेकर पूरे देश में खासकर अल्पसंख्यक वर्ग में बीजेपी के प्रति मोह भंग होता नजर आ रहा है। चुनाव नतीजे ने मुस्लिम वर्ग में बीजेपी को संदेश देने की कोशिश की है वह अल्पसंख्यक के साथ भेदभाव न करें।
दिल्ली के नतीजों ने मुस्लिम समाज को भी उत्साहित कर दिया है कि वह सरकार के खिलाफ खुलकर मैदान में आए इसी को लेकर जो गुस्सा मुस्लिम समाज के अंदर कई दिनों से अंदर ही अंदर धधक रहा था वह अब बाहर निकलने को आतुर नजर आ रहा है।
उज्जैन में एनआरसी एवं के खिलाफ चल रहे धरना स्थल को हटाने को लेकर बीजेपी कई दिनों से राजनीति कर रही है।धरना स्थल भी समाज के लोगो ने महाकाल आनेजाने के लिए एक तिहाई हिस्सा रिक्त कर दिया है उससे मुस्लिम समाज सहित आमलोग बीजेपी की राजनीति को समझने लगे है। कांग्रेस सेवादल के नेता एवं महाकाल भक्त मंडल के अध्यक्ष अरुण वर्मा ने भी बीजेपी को राजनीति से बाज आने की सलाह देते हुए उज्जैन का नाम बदनाम नहीं करने का अनुरोध किया था उसके बाद भी बीजेपी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। इसी को लेकर आज रात धरना स्थल पर हजारों लोगो की मोजुदगी में वार्ड तीस से बीजेपी से पार्षद फारूक हुसैन,ईसाक चिश्ती सहित कई लोगो ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है ।
दिल्ली चुनाव नतीजों के बाद उज्जैन में चल रहे धरने के दौरान बीजेपी पार्षद ने इस्तीफा दिया