उज्जैन नगर निगम का एक वार्ड ऐसा, जिसमें मंत्री के साथ जीजा साले की प्रतिष्ठा भी दांव पर !
उज्जैन। नगर निगम चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार जोर शोर से शुरु हो गया। दोनो दलों के साथ आम आदमी पार्टी ने भी कुछ वार्डों में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कांग्रेस के टिकिट से वंचित चेहरों को चुनाव मैदान में उतार कर कई जगह दोनों दलों को मुसीबत में डाल दिया हे। इसी तरह चार वार्ड की आज हम समीक्षा करने जा रहे हैं, जिसमें 35 ,से 37 ,46 ओर 47 शामिल हे। जिसमें तीन वार्डो में कांग्रेस के चेहरों के बीच ही मुख्य मुकाबला होने जा रहा है। मंत्री जी के साथ जीजा, साले की लड़ाई कहीं भारतीय जनता पार्टी की इस वार्ड में नैया न डूबा दे।
भारतीय जनता पार्टी ने 35 और 37 वार्ड में सिंधिया समर्थक चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है। यह दोनों चेहरे कांग्रेसी पुराने रहे हैं।वार्ड 35 से पूर्व विधायक राजेंद्र भारती के खास सिपहलासार नारायण सिंह भाटिया का भतीजा संग्राम सिंह भाटिया तथा कांग्रेस से माधव नगर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अशोक उटवाल को टिकिट दिया है,जिन्होंने पिछले चुनाव में इस वार्ड से लगे 48 वार्ड में संतोष यादव को बमुश्किल चुनाव जीतने दिया। 37 से सिंधिया समर्थक संजय ठाकुर ने अपने समर्थक सुरेंद्र मेहर को टिकट दिया है। इसके अलावा इसी वार्ड से कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रवक्ता लालचंद भारती को चुनाव मैदान में उतारा है जिन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए जाते रहे हे। इसी वार्ड से निर्दलीय प्रत्याशी संतोष कुमार सिसोदिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक से संबद्ध रहे जो वकील होने के साथ आरएसएस से संबद्ध रहे हे। काग्रेस ने जब इस वार्ड की सूची जारी की जिसमें दीनू बड़ोदिया को टिकट दिया गया था परंतु धोखे से उनका टिकट काट दिया गया इससे भी इस वार्ड में असंतोष के स्वर कांग्रेस पार्टी में उभरे हुए हैं।
वार्ड 46 बीजेपी ने संतोष यादव का टिकट काटकर यहां से भारतीय जनता पार्टी ने कैलाश प्रजापति को टिकट दिया है ।यहां से कांग्रेस पार्टी ने एल्डरमैन रहे एवं संतोष यादव के अग्रज गोपाल यादव को टिकट देकर भारतीय जनता पार्टी से सीट छीनने की कोशिश की, हालांकि इस वार्ड से आम आदमी पार्टी के छोटू परिहार ने चुनाव में खड़े होकर दोनों दलों के समीकरण बिगाड़ दिए क्योंकि जय सिंह दरबार का वार्ड क्षेत्र रहा है और परिहार को दरबार का ही समर्थक माना जाता है।
वार्ड क्रमांक 47 यहां सिंधी समाज संगठित समाज रहा हे। इस वार्ड में सिंधी समाज का आशीर्वाद बिना किसी को जीत नहीं मिलती है। इस वार्ड से लगा वार्ड 46 में रिंकू बेलानी पूर्व पार्षद रही है, परंतु इस बार साम ,दाम, दंड ,भेद के चलते उनका टिकट काट दिया गया है।इस कारण सिंधी समाज दो भागों में विभाजित हो गया है। सिंधी समाज ऐसे भी काफी मजबूत समाज रहा है ।इसलिए इस वार्ड में जीजा महेश सितलानी और साले महेश परियानी के साथ मंत्री मोहन यादव की भी प्रतिष्ठा भी एक तरह से यहां पर दांव पर लगी हुई है।
इसके अलावा श्रीमती बेलानी को टिकट नहीं मिलने की वजह से 5 उम्मीदवार चुनाव मैदान में आ डटे है।जिसमें से तीन भारतीय जनता पार्टी के बागी उम्मीदवार है जिसमें भारतीय जनता पार्टी की पूर्व नगर उपाध्यक्ष अचला शर्मा,हिंदुत्व वादी उषा मिश्रा और समाजसेवी राजकुमारी जैसवार शामिल हे।
इस वार्ड में भारतीय जनता पार्टी ने दिव्या बलवानी को टिकट दिया है जिसके पति 4 वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। और वह अभी सदमे में है,परंतु उनके देवर गोपाल बलवानी की जिद की वजह से उन्हें चुनाव मैदान में मंत्री जी को उतारने को मजबूर होना पड़ा है।जबकि वह घरेलू महिलाएं और वह अपने पति के साथ ही सगे भाई निधन की वजह से गम में डूबी हुई है। हालांकि यहां पर कांग्रेस के नेता सुभाष यादव की पत्नी इंदिरा यादव को टिकट दिया है। जिन पर कांग्रेस पार्टी के अलावा कई कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव में लग गए हैं। यहां ऐसा प्रतीत होता है कि वह दोनों सबको पछाड़ कर विजयश्री हासिल कर लेंगे।
नोट ।आप भी अपने वार्ड की चुनावी कहानी के बारे में हमें बता सकते हैं आप इस नंबर पर संपर्क करें 94253 79666