जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई वस्तुओ पर सेवाओं में टैक्स घटाया
जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक के बाद विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर नई दरों का ऐलान हुआ है. बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि जीएसटी काउंसिल ने समुद्री नौकाओं का ईंधन, ग्राइंडर, इमली और हीरा, रूबी, पन्ना या नीलम को छोड़कर अन्य सस्ते रत्नों पर कर की दरें घटाई हैं।
- प्लेटिनम और सिल्वर एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए जीएसटी पर छूट दी गई है।
- सीतारमण ने कहा कि नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी.
- 37वीं बैठक में डायमंड कटिंग पर जीएसटी दर 5 से घटाकर 1.5 फीसदी कर दी गई है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में नहीं बनने वाले कुछ विशेष किस्म के रक्षा उत्पादों को जीएसटी से छूट दी गई है.
- सीतारमण ने कहा कि रेलवे वैगन, सवारी डिब्बों पर जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया गया है।
- इसके साथ ही कैफीन वाले पेय पदार्थों पर जीएसटी की वर्तमान 18 प्रतिशत की दर के साथ 12 प्रतिशत का सेस लगाया गया है।
पॉलीप्रोपेलीन की थैलियों और बोरियों पर एक समान जीएसटी दर
उन्होंने बताया कि माल की पैंकिंग में इस्तेमाल होने वाले पॉलीप्रोपेलीन की थैलियों और बोरियों पर एक समान 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. जीएसटी परिषद ने 13 सीटों तक के 1,200 सीसी पेट्रोल वाहनों और 1,500 सीसी इंजन वाले डीजल वाहनों पर उपकर की दर को घटाकर 12 प्रतिशत करने की सिफारिश की. स्लाइड फास्टनरों पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 12%, समुद्री ईंधन 18% से 5%, गीले ग्राइंडर पर 12% से 5%, एक चक्की के रूप में पत्थर से युक्त और सूखे इमली पर 5% की दर से घटाया गया है. सीतारमण ने कहा कि जीएसटी/आईजीएसटी से छूट रक्षा सामानों के आयात पर दी जा रही है] जो स्वदेशी रूप से निर्मित नहीं हैं, इसे केवल 2024 तक बढ़ाया जा रहा है।
यह फैसले भी लिए गए
- कोल्ड ड्रिंक्स पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा.
- इसके साथ ही 7500 रुपए से ज्यादा किराए वाले होटल पर 18 फीसदी कर लगेगा.
- वेयर हाउसिंग सर्विस पर जीएसटी छूट दी गई है.
- वहीं बिस्किट पर दरें घटाने का प्रस्ताव खारिज हो गई .
- ऑटो पर जीएसटी घटाने का विचार नहीं किया गया.
- 1001 से 7500 तक के होटल पर 12फीसदी जीएसटी लगेगा.
- सूखी इमली पर जीएसटी नहीं लगेगा.
- मशीन सप्लाई के काम पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी कर दी गई.
छोटे कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न से छूट
- छोटे कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न से छूट दी गई है. उन्हें वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए रिटर्न नहीं भरना होगा. यह निर्णय 2 करोड़ सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू होगा
- सिंपल जीएसटी रिटर्न लागू करने की डेड लाइन बढ़ाई गई।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई वस्तुओ पर सेवाओं में टैक्स घटाया