मंदी के बावजूद कमलनाथ सरकार पचास हजार के बाद दो लाख के कर्ज माफ करेंगी
- मुख्यमंत्री कमल नाथ का कांग्रेस के आर्थिक मंदी पर चर्चा-चिंतन कार्यक्रम में संबोधन
भोपाल। मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने कहा है कि उन्होंने कहा कि हमने नौ माह में हर मोर्चे पर गंभीर चुनौती और खाली खजाने के बीच परिणाम देने वाले काम किए हैं। आप सभी लोग पार्टी की ओर से मैदान में काम करने वाले लोग हैं आप छाती ठोक कर कहें की हमारी सरकार ने जो काम नौ माह में किया वह काम पंद्रह साल की भाजपा सरकार ने नहीं किया। हमारी ऐतिहासिक ऋण माफी योजना में अब हम 50 हजार के बाद चालू खाते के 2 लाख तक के ऋण माफ करने जा रहे हैं।
श्री नाथ शुक्रवार को मानस भवन में आर्थिक मंदी पर कांग्रेस के सभी जिला अध्यक्ष और पीसीसी डेलीगेट के साथ चर्चा-चिंतन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश आज भयानक मंदी के दौर से गुजर रहा है और हमारे देश में होने वाले सभी निवेश बंद हो गए हैं। जीडीपी सबसे निचले स्तर पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब केन्द्र की मोदी सरकार की अनुभवहीनता और गलत आर्थिक नीतियों का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को कांग्रेस की सरकार के नौ माह पूरे होंगे। इस दौरान लगभग ढाई माह लोक सभा चुनाव में गुजर गए। हमें सिर्फ छह माह काम करने का मौका मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन छह माह में किसानों की कर्ज माफी, कन्यादान विवाह और निकाह योजना की राशि को दोगुना करना, पेंशन दोगुनी करना, बिजली देने, मक्का और गेहूँ उत्पादन पर बोनस जैंसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले सरकार ने लिए हैं यह सब उन चुनौतियों के बीच में किया गया, जब हमें विरासत में खाली तिजोरी मिली थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश की बद्दतर हालत थी। निवेशकों का प्रदेश पर कोई विश्वास नहीं था और इसके बगैर हम औद्योगिक विकास के क्षेत्र में कुछ भी कर पाने में असमर्थ थे। इन साढ़े छह माह में हमने निवेश के क्षेत्र में जो कदम उठाए उससे विश्वास की वापसी हुई। निवेशकों की रुचि मप्र में बढ़ी है। हमने एक निवेश नीति के जगह सेक्टर आधारित नीति बनाई है। हमारा मानना है कि कोई निवेशक 100 करोड़ के निवेश पर 100 लोगों को रोजगार देता है। इसकी बजाय 100 करोड़ के निवेश पर 500 लोगों को रोजगार जो निवेशक देता है तो हम उसे प्रोत्साहित करेंगे और हमारी नीति भी इसी के आधार पर बनेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा प्रदेश बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है विंध्य क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के सभी जिलों में 25 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। भिंड, मुरैना, मंदसौर, नीमच में भारी नुकसान हुआ है। हमें आने वाले दिनों में 8 हजार करोड़ से अधिक की राशि की आवश्यकता होगी। इस चुनौती का भी हम सामना करेंगे।