हनी ट्रेप मामले में खुलासा  लोकसभा चुनाव में राजनेताओं की छवि धूमिल करने लिए करोड़ों में बेचने के लिए घूम रही थी सुंदरियां

हनी ट्रेप मामले में खुलासा
 लोकसभा चुनाव में राजनेताओं की छवि धूमिल करने लिए करोड़ों में बेचने के लिए घूम रही थी सुंदरियां
    हनी ट्रैप मामले में पकड़ी गई सुंदरियां ने किस तरह पूरा सिस्टम  अपने कब्जे में कर रखा था वह अब खुलकर बाहर आने लगा है। लोकसभा चुनाव के दौरान नेताओं के वीडियो को मुंहमांगी कीमत पर उनके विरोधी दलों के नेताओं को बेचने के लिए प्रयास भी बहुत किए। इन सुंदरियों को लगता था कि नेताओं के अश्लील वीडियो के लिए उनके विरोधी मुंहमांगी कीमत देने के लिए तैयार हो जाएंगे, ताकि संबंधित नेताओं की छवि खराब कर राजनीतिक फायदा लिया जा सके। लेन-देन को लेकर हनी ट्रैप कांड की 2 आरोपियों की कांग्रेस और बीजेपी के कुछ नेताओं से कई दौर की बातचीत भी हुई, लेकिन पैसों को लेकर सौदेबाजी अटक गई।
30 करोड़ रुपए में सीडी बेचने की हुई कोशिश
हनी ट्रैप कांड के आरोप में पकड़ी गईं महिलाओं में से 2 ने लोकसभा चुनाव के दौरान कई बड़े नेताओं के युवतियों के साथ रिलेशन वाले वीडियो 30 करोड़ रुपये में बेचने की कोशिश की थी। इस मामले में लेन-देन को लेकर कुछ नेताओं से इन महिलाओं की कई दौर की बातचीत भी हुई थी। सूत्रों का कहना है कि राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बदलने पर इन महिलाओं का नई सरकार में दखल कम हो चला था। लिहाजा, इन महिलाओं ने सरकार से जुड़े दल कांग्रेस के कई नेताओं और दूसरी ओर विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं से संपर्क बनाए रखा था।
कई नेताओं, अफसरों के युवतियों के साथ बनाए वीडियो
नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस अब तक 5 महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया जा चुका है। एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि पकड़ी गई महिलाओं के मोबाइल, लैपटॉप और पेन ड्राइव से बड़ी संख्या में वीडियो क्लिपिंग मिली हैं। एसआईटी को क्लिपिंग की 4000 से ज्यादा फाइलें हाथ लगी हैं और कई तस्वीरें व ऑडियो क्लिपिंग भी बरामद हुई हैं। आरोपी महिलाओं ने पूछताछ में कई नेताओं और अफसरों के नामों का भी खुलासा किया है। हालांकि, सआईटी फिलहाल कुछ भी बताने से बच रही है।
6 करोड़ रुपये देने को तैयार थे नेता
सूत्र बताते हैं कि एक राजनीतिक दल के नेता कई वीडियो 6 करोड़ रुपये में खरीदने को राजी भी हो गए, मगर महिलाएं और उनके करीबी लोग 30 करोड़ रुपये से कम पर वीडियो बेचने को तैयार नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि इन महिलाओं को इस बात का गुमान था कि राजनीतिक दलों से जुड़े लोग उनके वीडियो मनचाही कीमत में खरीद लेंगे, क्योंकि इनके जरिए दूसरे दल के नेताओं की छवि को प्रभावित किया जा सकता था, लेकिन मांगी गई रकम बहुत ज्यादा होने के कारण कोई भी लेने के लिए राजी नहीं हुआ।