जन्मजात विकृति लेकर पैदा हुए ऋतिक का एमव्हाय में चिकित्सकों ने दिया अभयदान

जन्मजात विकृति लेकर पैदा हुए ऋतिक का एमव्हाय में चिकित्सकों ने दिया अभयदान
 उज्जैन 24 अक्टूबर। ग्राम नीमखेड़ा के रहने वाले श्यामलाल के घर बेटे का जन्म हुआ तो वे प्रसन्न हो गये, किन्तु कुछ ही देन में उनकी प्रसन्नता छीन गई। बेटा ऋतिक न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के साथ पैदा हुआ था। यह बीमारी गर्भावस्था में ही लग जाती है। श्यामलाल नवजात शिशु को लेकर जिला चिकित्सालय उज्जैन पहुंचे और चिकित्सकों से बेटे को ठीक करने की गुहार लगाई। अपने ईष्टमित्रों से उन्होंने प्रायवेट अस्पताल में ले जाकर इलाज कराने की जानकारी ली तो उन्हें पता लगा कि इस तरह के ऑपरेशन करवाने में 50 से 75 हजार रुपये का खर्चा आयेगा। श्यामलाल निराश हो गये एवं पूर्ण रूप से शासकीय चिकित्सकों पर उन्होंने बच्चे का भविष्य छोड़ दिया। जिला चिकित्सालय के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा बच्चे को ऑपरेशन के लिये महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय इन्दौर रैफर कर दिया गया। एमव्हाय में बच्चे का इलाज ठीक तरीके से हुआ और वह आज स्वस्थ है। राज्य शासन की लोककल्याणकारी नीति के कारण प्रदेश के वंचित लोग महंगी चिकित्सा सरकारी अस्पताल में पाकर अत्यन्त प्रसन्न नजर आ रहे हैं।
 उल्लेखनीय है कि गर्भावस्था के शुरूआती चरण में जब भ्रूण बढ़ने लगता है, तब न्यूरल ट्यूब विकसित होता है। यह ट्यूब एक छोटे से रिबन की तरह होता है जो बाद में ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और नसों में विकसित होता है। गर्भावस्था में कुछ वजहों से न्यूरल ट्यूब असामान्य विकसित होने लगता है, जिसके कारण स्पाइनल कॉर्ड और नसों में विकास में समस्या आने लगती है। आमतौर पर दो प्रकार के न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट होते हैं- स्पाइना बीफिडा और अनेंसेफाली। उक्त बालक स्पाइना बीफिडा की विकृति से पीड़ित था। स्पाइना बीफिडा का मतलब है रीढ़ में दरार। इससे नसें क्षतिग्रस्त होती हैं, जिसके कारण पैरों में लकवा एवं ब्लेडर पर खराब नियंत्रण जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।