कांग्रेस के सामने अब नई मुसीबत,प्रभारी महासचिव के आर्थिक खर्चों के पर कतरे

कांग्रेस के सामने अब नई मुसीबत,प्रभारी महासचिव के आर्थिक खर्चों के पर कतरे
सालों से केंद्र एवं राज्यों में सत्ता सुख भोग चुकी कांग्रेस में उसके युवराज के पार्टी अध्यक्ष पद का त्याग किया तो पार्टी के सामने अनेक चुनौतियां सामने आ गई है । पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है।साथ ही वह अंतर्विरोध के बीच जूझ रही है। इसी बीच खबर आई की पार्टी के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है ।पार्टी के सभी पदाधिकारियों एवं प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रतिदिन ₹100 से ज्यादा या ₹3000 महीने से अधिक खर्च नहीं करें।
   जब से राहुल गांधी ने पार्टी का अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है तब से पार्टी अप्रैल बुरे दौर से गुजर रही है पार्टी की बागडोर सोनिया गांधी ने संभाली उसके पास जरूर हालात सुधरे। परंतु पार्टी के सामने अभी भी चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब पार्टी के सामने आर्थिक संकट सबसे ज्यादा पैदा हो गया।प्रदेश में तीन राज्यो के चुनाव के बीच  पार्टी ने अपने पदाधिकारियों को खर्च पर लगाम कसने की नसीहत दे डाली है।
कांग्रेस पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि पार्टी के अकाउंट विभाग ने महासचिवों, राज्य प्रभारियों और अन्य पदाधिकारियों से कहा कि सभी अपने खर्च पर लगाम लगाएं। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक पार्टी ने पदाधिकारियों से कहा है कि चाय-नाश्ते पर खर्च की सीमा प्रति माह तीन हजार रुपये रखें और यदि खर्च इससे अधिक होता है तो उसका भुगतान संबंधित व्यक्ति को करना होगा।
गौरतलब है कि पार्टी नेताओं और अन्य पदाधिकारियों को आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की कैंटीन से चाय-नाश्ते दिए जाते हैं और पदाधिकारी उसके बिल पर हस्ताक्षर करके लौटा देते हैं। इन सभी बिलों का भुगतान अकाउंट विभाग की तरफ से किया जाता है।