मप्र में अब पार्षद ही करेंगे महापौर ,एवं अध्यक्ष का चुनाव ,राज्यपाल ने दी मंजूरी

मप्र में अब पार्षद ही करेंगे महापौर ,एवं अध्यक्ष का चुनाव ,राज्यपाल ने दी मंजूरी
मध्यप्रदेश में पृष्ठ कुछ दिनों से महापौर एवं अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली के बजाय पार्षदों द्वारा के जाने का मामला राज्यपाल के पास विचाराधीन होने से प्रदेश में राजनीति राजनीति गरमाई हुई थी आज राज्यपाल ने मध्य प्रदेश सरकार के उस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है जिसमें तहत अब पार शादी महापौर एवं अध्यक्ष का चयन करेंगे। इस अध्यादेश क्या आने से जा बाजा पाई के मंसूबे दहे रह गए वहीं कांग्रेसमें आने वाले निकाय चुनाव में बाजी लगती नजर आएगी
  आखिरकार राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है जिसके तहत नगरीय निकाय चुनाव में महापौर एवंअध्यक्ष पद हेतु सीधे चुनाव को बंद कर दिया है। अब मध्यप्रदेश में महापौर या नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता नहीं बल्कि पार्षद करेंगे।
इससे पहले सीएम कमलनाथ सोमवार शाम को राज्यपाल से मिलने गए थे और माना जा रहा था कि सबकुछ उसी अनुसार हो गया है जैसा कि कमलनाथ चाहते थे। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने बताया था कि विवाद की कोई स्थिति नहीं हैं, उन्होंने राज्यहित में निर्णय का भरोसा जताया है। उन्होंने तन्खा के ट्वीट को उनकी निजी राय बताया। उल्लेखनीय है कि तन्खा ने अपने ट्वीट के जरिए राजधर्म की नसीहत और अध्यादेश न रोकने की सलाह दी थी। इसके बाद राज्यपाल के नाखुश होने की खबर सामने आई, बताया जाता है कि राजभवन ने इसे दबाव की राजनीति माना। जबकि पूर्व में वह सरकार के साथ हुई चर्चा में आश्वस्त थे।
   राज्यपाल द्वारा अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद दोनों पार्टियां नफा नुकसान देख रही है। कांग्रेस  अध्यादेश को मंजूरी होने के बाद खुश नजर आ रही है और उसके कई बड़े नेता अब पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में नजर आएंगे। जो महापौर एवं अध्यक्ष बनने का ख्वाब देख रहे हैं। वहीं भाजपा के लोग अब यह कयास लगा रहा है । इस अध्यादेश को क्या न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है क्योंकि पिछले दिनों पार्टी हाईकमान ने पूरा मामला नईदिल्ली बुलाया था और उसके बाद ही भाजपा अगला कदम उठाएगी