प्लास्टिक मुक्त के लिए जूट की खेती का आव्हान -डॉ.पटेल

प्लास्टिक मुक्त के लिए जूट की खेती का आव्हान -डॉ.पटेल
 उज्जैन 19 अक्टूबर। प्लास्टिक के विकल्प में जूट का उपयोग करें यह बात कृषि महाविद्यालय इन्दौर के प्राध्यापक डॉ.एम.एम.पटेल ने गत दिवस कृषि विज्ञान केन्द्र की 28वी वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक में कही। प्लास्टिकमुक्त स्वच्छ भारत हेतु डॉ.पटेल ने किसानों को जूट की खेती करने का आव्हान किया। साथ ही किसानों की आय दोगुनी करने हेतु किसान भाई स्व-सहायता समूह के माध्यम से उद्यमिता की ओर बढ़े, जिसमें मूल्य संर्वधन सबसे बेहतरीन विकल्प हो सकता है । जिन प्रगतिशील किसानों के यहां समन्वित खेती प्रणाली माडल उपलब्ध है वहां अन्य किसानों को प्रेरित करने हेतु भ्रमण कराने का सुझाव दिया। रा.वि.सि.कृ.वि., ग्वालियर के डॉ.एसएस कुशवाह ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण की संख्या में वृद्धि की जाए। भारतीय गेहूं अनुसंधान संस्थान इन्दौर के डॉ.केसी शर्मा ने गेहूं की नवीन प्रजातियों जैसे एच.आई 1500, एच.आई 1605, एच.आई 8777, एच.आई 8627, एच.आई 8737, पूसा 111 के बारे में विस्तार से बताया । गेहूं की खेती को ज्यादा प्रभावी बनाने हेतु उठी क्यारी शैया पद्धति अपनाने पर ज़ोर दिया। कृषि महाविद्यालय इन्दौर के प्राध्यापक डॉ.आरके चौधरी ने किसानों की आय वृद्धि हेतु मूल्य संवर्धन पर ज़ोर देते हुए आलू, प्याज एवं लहसुन के प्रसंस्करित उत्पादन तैयार करने एवं मूंगफली को भी कुछ क्षेत्र में खेती करके मूंगफली उत्पाद तैयार कर बेचने की बात कही। साथ ही मधुमक्खी पालन, रेशम उत्पादन, लाक की खेती, सुरजना एवं जामफल की सघन खेती के बारे में बताया।
वैज्ञानिक डॉ.डीएस तोमर ने प्रस्तावित कार्यक्रमों का पावर पाईंट के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया। समन्वित पोषण प्रबंधन पर एक वीडियो भी दिखाया गया। सुझाव सत्र में विभिन्न विभागों के सदस्यों द्वारा विचारों एवं प्रस्तावों का आदान-प्रदान किया गया।
बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र, इन्दौर के डॉ.एके देशवाल, कृषि विज्ञान केन्द्र आगर-मालवा के डॉ.आरपीएस शक्तावत, कृषि विज्ञान केन्द्र शाजापुर के डॉ.मुकेश सिंह, उद्यानिकी विभाग के श्री सुभाष श्रीवास्तव, पशु विभाग डॉ.एसके शुक्ला, कृषि विभाग के श्री जी.आर.मुवेल, कृषि अभियांत्रिकी के श्री पीसी सिसोदिया, आत्मा के श्री आरजी अरोलिया, बीज प्रमाणीकरण के श्री एके भरवास, सहित केन्द्र के अधिकारी-कर्मचारी, प्रगतिशील कृषक, महिला कृषक उपस्थित थे।
 कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डॉ.एचआर जाटव द्वारा किया गया तथा डॉ.रेखा तिवारी द्वारा आभार प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ.एसके कौशिक, श्री राजेन्द्र गवली, श्री  अजय गुप्ता, श्रीमती गजाला खान, श्रीमती सपना सिंह एवं संस्था के कर्मचारियों के साथ रेडी छात्रों का भी विशेष योगदान रहा।