दिग्विजयसिंह - उमर सिंगार विवाद की रिपोर्ट में सिंगार दोषी पाए गए

दिग्विजयसिंह - उमर सिंगार विवाद की रिपोर्ट में सिंगार दोषी पाए गए
भोपाल। पिछले 3 माह पूर्व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ प्रदेश के वन मंत्री उमर सिंगार ने सार्वजनिक रुप से की गई टिप्पणियो का मामला सुर्खियों में आने के बाद पूरा मामला हाईकमान तक जाने के बाद उसकी रिपोर्ट में सिंगार को दोषी पाए जाने की खबर है।अब हाईकमान के ऊपर है कि सिगार को क्या सजा देता है।
     वनमंत्री उमर सिंगार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह पर टिप्पणी करते हुए काफी कुछ कहा था। इससे पार्टी की काफी फजीहत भी हुई थी।यह मामला मीडिया में भी काफी छाया रहा। पार्टी ने हस्तक्षेप कर पूरा मामला अनुशासन सीमित को सौंप दिया । केंद्रीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष एके अंटोनी की रिपोर्ट के परीक्षण में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल और मीरा कुमार ने सिंघार को दोषी पाया है। दोनों वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी आलाकमान को इस बारे में बता दिया है। इस मामले में अब आगे कार्रवाई पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को करना है।
      यह मामला प्रदेश के बड़े नेता दिग्विजयसिंह पर आरोप का होने से सीधा केंद्रीय अनुशासन समिति के पास पहुंच गया था। वहां केंद्रीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष अंटोनी ने दिग्विजय और सिंघार से अलग-अलग चर्चा की थी। अंटोनी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा है कि नेता बाहर बयानबाजी करने के बजाए अंदरूनी मामलों में अपनी बात पार्टी मंच पर ही रखें।
सार्वजनिक रूप से आरोप-प्रत्यारोप करने से पार्टी की छवि पर असर पड़ता है। पूर्व मुख्यमंत्री पर जिस तरह से खुलकर वन मंत्री ने छींटाकशी की थी उसे भी समिति ने अनुशासनहीनता माना था। कांग्रेस आलाकमान ने मप्र से संबंधित मामलों को सुलझाने की जिम्मेदारी पार्टी के दो दिग्गज नेताओं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पाटिल और मीरा कुमार को सौंपी थी।