हरिहर मिलन.. हाथी पर की बजाय एन समय महाकाल की सवारी पालकी पर निकली
उज्जैन। प्रशासन द्वारा लिए निर्णय के पालन में आज की हरिहर मिलन की सवारी हाथी पर निकाले जाने का निर्णय दिन में लिया था।उसकी सारी तैयारी हो गई थी परन्तु एन समय प्रशासन ने हाथी की बजाय पालकी पर ही महाकाल सवारी निकाले जाने का निर्णय लिया और सवारी महाकाल से शुरू होकर हरिहर मिलन के लिए गोपाल मन्दिर रवाना हो गई। इस दौरान समस्त पुजारी, पुरोहित सवारी के दौरान उपस्थित है साथ हीपुलिस भारी संख्या में मौजूद है।
अब से कुछ देर पूर्व (रविवार की रात 11.20 बजे) महाकाल मंदिर से शुरू होकर रात 12 बजे गोपाल मंदिर पहुंचेगी सवारी, जहां पूजा अर्चना और महाआरती के बाद होगा हरिहर मिलन।
क्या है हरिहर मिलन
चार माह विश्राम के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु ने निंद्रासन त्यागने के बाद वे वैकुंठ चतुर्दशी के दिन सृष्टि का भार पुन: संभालते हैं। विष्णु के निंद्रासन के दौरान चार माह तक सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। भगवान शिव आज यह भार भगवान विष्णु को वापस सौंपते हैं। सत्ता हस्तांतरण के इस दृश्य को ही हरि-हर मिलन कहा जाता है। हरि-हर मिलन के इस दुर्लभ क्षण का नजारा श्रद्धालुओं को आनंदित कर देने वाला होता है, लेकिन इस बार यह अयोध्या फैसले के कारण केवल औपचारिक रूप से यानी केवल रस्म अदायगी होगा।
हरिहर मिलन.. हाथी पर की बजाय एन समय महाकाल की सवारी पालकी पर निकली