इस बार कार्तिक मेले में अभा कवि सम्मेलन में मात्र रस्म अदायगी !
उज्जैन। मध्यप्रदेश के क्षिप्रा तट पर आयोजित होने वाले कार्तिक मेले में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा मेले की जान हुआ करते थे।परंतु धीरे-धीरे इस मेले की शान शौकत न तो नामचीन शायरों को बुलाया जाता है, और नहीं देश में ख्यात नाम कवियों को आमन्त्रित किया जा रहा है। जिससे मेले की लोकप्रियता लगातार घटती जा रही है। इस बार तो हद हो गई की एक दिसम्बर को होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कोई ऐसा चर्चित चेहरा कविता पाठ करने नहीं आ रहा है। जिससे लगता है नगर निगम मात्र रस्म अदायगी के लिए यह अखिल भारती कवि सम्मेलन आयोजित कर रहा है।
एक समय कार्तिक मेले में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मुशायरे के लिए लोग कई दिनों से इसका इंतजार किया करते थे और भरी ठंड में लोग रातभर कम्बल ओड़कर शेरो शायरी एवं कविता पाठ का लुत्फ लेते हुए लोटपोट हो जाते थे।परंतु यह सब अब सपने जैसी बात लगने लगी। क्योंकि अब रात बारह एक बजे तक यह अभा कवि सम्मेलन सिमट कर रह जाता है।लगता है आयोजन समिति अब तो कवियों को बुलाकर मात्र औपचारिकता पूरी करने जा रहा है। लाखों रुपया खर्च करने के बाद मेले की रौनक कवि सम्मेलन और मुशायरे के कारण होती रही है। परंतु इस बार आयोजन समिति ने ऐसे कवियों को आमंत्रित किया गया है जिन्हें न तो पार्षद ढंग से जानते हैं और नहीं जनता उन लोगों को जानती है। मतलब साफ है नगर निगम के आयोजन समिति केवल उनको बुला कर कवि सम्मेलन की औपचारिकता पूरी कर रहा है।
इधर मंगलवार को कार्तिक मेला अ.भा. कवि सम्मेलन आयोजन समिति की बैठक संयोजक संतोष व्यास की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिसमें श्रीमती प्रेमलता बैण्डवाल, विजय अग्रवाल और सचिव रईस निज़ामी ने अभा कवि सम्मेलन के लिए कवियों के नामों को अन्तिम रूप दिया गया। कवि सम्मेलन के जिन नामों को अंतिम रूप देकर आमन्त्रित किया जा रहा उनमें देवव्रत वाजपेयी, नमृता नमिता, विनीत चौहान, राहुल शर्मा, सुनील गाइड, संजय खत्री, अशोक भाटी, दिनेश दिग्गज, बुद्धिप्रकाश दाद्दीच, अमन अक्षर, शांति तुफान, नरेन्द्र सिंह अकेला, दीपिका माही शामिल है।
इस बार कार्तिक मेले में अभा कवि सम्मेलन में मात्र रस्म अदायगी !