मास्टर प्लान बनाने में अधिकारियों की टीम सर्वे कार्य में शामिल करें,संभाग के कलेक्टरों की बैठक –कमिश्नर

मास्टर प्लान बनाने में अधिकारियों की टीम सर्वे कार्य में शामिल करें,संभाग के कलेक्टरों की बैठक –कमिश्नर
उज्जैन। उज्जैन कमिश्नर श्री अजीत कुमार की अध्यक्षता में आज मध्य प्रदेश के नेशनल पार्क सेंचुरिज के इको सेंसेटिव जोन के मास्टर प्लान बनाने के सम्बन्ध में संभाग के समस्त कलेक्टर्स एवं वन संरक्षक के समक्ष चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि उज्जैन संभाग के मंदसौर, रतलाम एवं नीमच जिले के कुछ गांव इको सिस्टम के अन्तर्गत आ रहे हैं। कमिश्नर ने कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे शासन द्वारा नियुक्त सलाहकार के साथ आवश्यक सहयोग करते हुए अपने-अपने जिले में अधिकारियों की टीम लगाकर इको सिस्टम के अन्तर्गत आने वाले वन-ग्रामों में पूर्व से निर्माणाधीन कार्यों, क्लस्टर एवं अन्य चीजों को रिकार्ड में लें। उन्होंने कहा कि इको सेंसेटिव क्षेत्र में एक किलो मीटर तक प्रतिबंधित बाउंड्री एरिया रहेगा। गांधी सागर एवं सैलाना के कुछ ग्राम इको सेंसेटिव जोन के अन्तर्गत चिन्हित किये गये हैं। कमिश्नर ने सम्बन्धित कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे समय निर्धारित कर जीआईएस मेप का उपयोग कर एवं खसरा नम्बर के साथ सर्वे का कार्य शुरू करें।
वनाधिकार के अन्तर्गत समिति बनाने के दिये निर्देश
 कमिश्नर श्री अजीत कुमार ने संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे वनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत त्रिस्तरीय समिति जैसे- ग्राम स्तरीय समिति, उप खण्ड स्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय समिति का गठन कर लें। पूर्व में गठित समितियों की एक बार समीक्षा अनिवार्य रूप से कर लें। उन्होंने बताया कि वनाधिकार पट्टों के लिये जो आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे, वे त्रिस्तरीय समितियों से होकर ही गुजरेंगे। जो आवेदन प्राप्त होंगे, उन्हें ऑनलाइन किया जायेगा।
आरओ मीटिंग में तहसीलदार से सम्बन्धित
लम्बित राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की जाये
 कमिश्नर ने निर्देश दिये कि सभी कलेक्टर्स प्रतिमाह आयोजित होने वाली आरओ बैठक में नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार स्तर के लम्बित तीन से चार प्रकरणों की प्रतिमाह समीक्षा करें। बताया गया कि एक अप्रैल से 31 अक्टूबर तक की अवधि में राजस्व वसूली के प्रकरण संभाग में लम्बित हैं। उज्जैन में दिये गये 30 करोड़ की राजस्व वसूली के विरूद्ध अब तक 14.26 प्रतिशत की ही वसूली की जा सकी है। उसी तरह देवास में 18 करोड़ 50 लाख के विरूद्ध 12.87 प्रतिशत, रतलाम में 18 करोड़ 50 लाख के विरूद्ध 9.93 प्रतिशत, शाजापुर में 8 करोड़ के विरूद्ध 70.34 प्रतिशत, आगर-मालवा में 4 करोड़ के विरूद्ध 55.22 प्रतिशत, मंदसौर में 18 करोड़ 50 लाख के विरूद्ध 8.11 प्रतिशत एवं नीमच में 10 करोड़ 50 लाख के विरूद्ध 11.79 प्रतिशत राजस्व की वसूली हो सकी है।
कलेक्टर्स ने विद्युत मण्डल के मनमाना रवैये की शिकायत की
 बैठक में सभी कलेक्टर्स ने बताया कि मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल हितग्राहियों से मनचाहा बिजली बिल की वसूली कर रहा है। विभाग द्वारा आयोजित शिविर भी औपचारिक रूप से लगाये जाते हैं। संभाग में 23 लाख 50 हजार विद्युत कनेक्शन हैं, जिनमें 6 लाख 50 हजार विद्युत कनेक्शन सिंचाई हेतु दिये गये हैं। कमिश्नर ने विद्युत मण्डल के अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे उपभोक्ताओं से मनमाना बिजली बिल की वसूली न करें। प्रतिमाह रीडिंग करके ही बिजली बिल दिये जायें।
अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश
 कमिश्नर ने बैठक में अनुपस्थित डब्ल्यूआरडी, लोक निर्माण विभाग के एसी तथा पीएचई के मुख्य कार्यपालन यंत्री को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिये हैं।
पोस मशीन से किया जा रहा है राशन का वितरण
 जिला खाद्य एवं नियंत्रण अधिकारी ने बताया कि जिले में पोस मशीन से शत-प्रतिशत राशन का वितरण हितग्राहियों को किया जा रहा है। बायोमैट्रिक सत्यापन से राशन का वितरण किया जाता है। सभी जिलों में सतर्कता समिति का गठन किया गया है। इस समिति की नियमित रूप से बैठक आयोजित की जायेगी। कमिश्नर ने डाटाबेस में आधार सीडिंग की समीक्षा की। बताया गया कि ग्राम पंचायत स्तर पर राशन दुकान आवंटन हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदनों की स्कूटिनी कर दुकान आवंटन की प्रक्रिया प्रारम्भ की जायेगी।
बीज विकास निगम से ही बीज खरीदा जाये
 कमिश्नर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे मप्र बीज विकास निगम से ही बीज खरीदें। बताया गया कि संभाग में गेहूं एवं चना की बोवनी प्रारम्भ हो चुकी है। कमिश्नर ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध की गई कार्यवाहियों की भी समीक्षा की और निर्देश दिये कि सभी कलेक्टर्स लगातार मिलावट करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करते रहें तथा इसकी लगातार मॉनीटरिंग भी की जाये।
 मुख्यमंत्री गोसेवा योजना एवं गौशाला योजना की समीक्षा की। बताया गया कि गौशाला हेतु उज्जैन जिले को 24 गौशाला का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसी क्रम में देवास को 30, शाजापुर को 27, आगर-मालवा को 30, रतलाम को 8, मंदसौर को 30 एवं नीमच को 6 गौशाला निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कार्य में तेजी लाने के दिये निर्देश
 कमिश्नर ने लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, एमपीआरडीसी एवं ईआरईएस के अधिकारियों को बारिश के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत का कार्य तेजी से करने के निर्देश दिये। उन्होंने उज्जैन-बड़नगर-नागदा मार्ग, महू-नीमच मार्ग की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली एवं सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे इन सभी सम्बन्धित अधिकारियों की बैठक लेकर अपने-अपने जिले में इसकी समीक्षा करें। कमिश्नर ने कहा कि सड़क मरम्मत का कार्य पहली प्राथमिकता होनी चाहिये, क्योंकि खराब सड़क से कभी भी दुर्घटना की आशंका रहती है। उन्होंने भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित प्रकरणों की, आपदा राहत, आरबीसी 6(4) से सम्बन्धित प्रकरणों की भी समीक्षा की।
 बैठक में उज्जैन कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, नीमच कलेक्टर श्री अनिल कुमार गंगवाल, रतलाम कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान, शाजापुर कलेक्टर श्री वीरेन्द्रसिंह रावत, देवास कलेक्टर श्री श्रीकान्त पाण्डेय, मंदसौर कलेक्टर श्री मनोज पुष्प एवं आगर-मालवा कलेक्टर श्री संजय कुमार सहित जिला पंचायत के सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपस्थित रहे।