महाकवि कालिदास की रचनाओं की पांडुलिपियों पर फिर से रिसर्च का कार्य कालिदास अकादमी के माध्यम से किया जायेगा - संस्कृति मंत्री डॉ.साधौ ने किया कालिदास समारोह का शुभारम्भ 

महाकवि कालिदास की रचनाओं की पांडुलिपियों पर फिर से रिसर्च का कार्य कालिदास अकादमी के माध्यम से किया जायेगा - संस्कृति मंत्री डॉ.साधौ ने किया कालिदास समारोह का शुभारम्भ
उज्जैन 08 नवम्बर। प्रदेश की संस्कृति, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा है कि महाकवि कालिदास की रचनाओं की पांडुलिपियों पर फिर से रिसर्च का कार्य कालिदास अकादमी के माध्यम से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कवि कालिदास की स्मृति में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय कालिदास समारोह का स्वरूप आगामी वर्षों में भव्य किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक समय में कालिदास अकादमी की प्रतिष्ठा विश्वस्तरीय थी। इस समारोह में राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा सहित अनेक विद्वानों ने शिरकत की है। हमारी सरकार की कोशिश रहेगी कि कालिदास अकादमी एवं अखिल भारतीय कालिदास समारोह का विराट स्वरूप एवं सम्मान पुन: लौटाया जाये। संस्कृति मंत्री ने कहा कि जब तक कालिदास समारोह में समाज की भागीदारी नहीं होगी, तब तक यह समारोह सरकारी स्वरूप में बना रहेगा।
संस्कृति मंत्री डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि सारस्वत अतिथि श्री वसन्त कुमार भट्ट ने महाकवि कालिदास के बारे में जो बातें कही है, वे आज के परिवेश में अत्यन्त ही प्रासंगिक है। हमारी नई पीढ़ी सांस्कृतिक विरासत से दूर होती जा रही है। पहले परिवार की परिभाषा वृहद होती थी, किन्तु अब माता-पिता एवं बच्चे ही परिवार के रूप में जाने जाते हैं। अगर हम अपनी संस्कृति व परम्परा से वर्तमान को रूबरू नहीं करायेंगे तो सामाजिक विकृति आ जायेगी। हमारे देश में विभिन्न संस्कृति होने के बाद भी एकात्मता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश देश की धड़कन है। यदि धड़कन ठीक रही तो सम्पूर्ण राष्ट्र में रक्त का संचरण ठीक से होगा। संस्कृति मंत्री ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के नेतृत्व में सरकार प्रदेश की गौरवशाली परम्परा को अक्षुण्ण बनाये रखने का कार्य कर रही है।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री पंकज राग, सारस्वत अतिथि डॉ.वसन्त कुमार भट्ट, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री रामलाल मालवीय, श्री महेश परमार, श्री पारस जैन, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति श्री बालकृष्ण शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री करण कुमारिया, विख्यात रंगकर्मी श्री सुरेन्द्र वर्मा, पूर्व सांसद श्री सत्यनारायण पंवार, श्री कमल पटेल, श्री मनीष शर्मा, श्री योगेश शर्मा, अकादमी की प्रभारी निदेशक श्रीमती प्रतिभा दवे की मौजूदगी में महाकवि कालिदास एवं पं.सूर्यनारायण व्यास के चित्र के संमुख दीप-दीपन एवं पुष्पांजली अर्पित कर कालिदास समारोह का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर संभागायुक्त श्री अजीत कुमार, आईजी श्री राकेश गुप्ता, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, श्री विवेक गुप्ता एवं गणमान्य अतिथि मौजूद थे।
समारोह में सारस्वत अतिथि डॉ.वसन्त कुमार भट्ट ने सम्बोधित करते हुए कहा कि महाकवि कालिदास की समस्त कृतियां कालजयी हैं।  उन्होंने कहा कि अभिज्ञान शाकुन्तम की प्रत्येक पांडुलिपि में नये-नये श्लोक मिलते हैं। उन्होंने कहा कि कालिदास के साहित्य के प्रत्येक वाचन के बाद एक नया उन्मेष दिखाई देता है।
उद्घाटन समारोह में स्वागत भाषण विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति श्री बालकृष्ण शर्मा द्वारा दिया गया। उन्होंने अखिल भारतीय कालिदास समारोह की उत्तरोत्तर उन्नति का उल्लेख करते हुए कहा कि समारोह में कालिदास की जयन्ती पर उनकी रचनाओं का मंचन कर कालिदास को सच्ची श्रद्धांजली दी जाती है।
राष्ट्रीय कालिदास सम्मान-2018 रंगकर्मी श्री सुरेन्द्र वर्मा को
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारम्भ अवसर पर संस्कृति मंत्री डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ द्वारा राष्ट्रीय कालिदास सम्मान रंगमंच के प्रसिद्ध लेखक श्री सुरेन्द्र वर्मा को दिया गया। हिन्दी नाटकों के लेखक श्री सुरेन्द्र वर्मा को प्रशस्ति-पत्र, शाल, श्रीफल एवं कालिदास सम्मान से विभूषित किया गया। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री पंकज राग ने श्री सुरेन्द्र वर्मा के बारे में प्रशस्ति-वाचन करते हुए कहा कि भारतीय रंगमंच में हिन्दी नाटक लेखन के माध्यम से उत्कृष्ट कृतियों के रचयिता के रूप में श्री सुरेन्द्र वर्मा ने अपनी बड़ी पहचान स्थापित की है। उनका जन्म 7 सितम्बर 1941 को झांसी में हुआ। श्री वर्मा ने मुझे चांद चाहिये नामक कालजयी उपन्यास लिखा एवं मुगल महाभारत भाग-2, नाट्य पंचम, काटना शमी का वृक्ष, पदम पंखुरी की धार शामिल है। यह रेखांकित करने वाला सन्दर्भ है कि श्री सुरेन्द्र वर्मा के नाटक रंगकर्मियों के लिये मंचन की एक ऐसी सृजनात्मक चुनौती बनकर उभरते हैं, जिन्हें सदैव गंभीरता से लिया जाना होता है।
पुस्तकों का विमोचन
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारम्भ अवसर पर पं.सूर्यनारायण व्यास प्रतिनिधि रचनाएं एवं कालिदास चिन्तन नामक ग्रंथों का विमोचन किया गया। साथ ही कालिदास अकादमी उज्जैन की पत्रिकाएं दूर्वा, वृतान्त एवं चित्रकला प्रदर्शनी के केटलॉग का विमोचन किया गया। इस अवसर पर दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ.राजशेखर व्यास मौजूद थे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में नान्दीपाठ एवं अन्त में भरतवाक्य का गायन संस्कृत महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन एवं आभार कालिदास अकादमी के सहायक निदेशक डॉ.संतोष पण्ड्या ने किया।