फिल्म सिटी के निर्माण की बजाय फिल्मों को सब्सिडी देने की कोई योजना बनाएं शासन - राजेश राठी

फिल्म सिटी के निर्माण की बजाय फिल्मों को सब्सिडी देने की कोई योजना बनाएं शासन - राजेश राठी
उज्जैन।फिल्म निर्देशक राजेश राठी ने कहा है कि फिल्म सिटी का निर्माण भले ही राज्य शासन मप्र में कहीं भी कर दे। परन्तु वह जब तक नई फिल्मों को सब्सिडी उपलब्ध नहीं कराती तब न तो फिल्मी क्षेत्र में प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे ओर न ही स्थानीय प्रतिभाओं को फिल्म में जाने का मोका मिलेगा।
     उज्जैन में पले बड़े श्री राठी पिछले 30 वर्षों से मुंबई में फिल्मी निर्देशक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाले हुए हे। मुंबई में अपने काम के दम पर अपनी ख्याति स्थापित की है।आज वह उज्जैन आए थे। प्रेसक्लब में मीडिया से चर्चा के दौरान फिल्म निर्माण एवं फिल्मी दुनिया को लेकर कई प्रश्नों के उत्तर भी उन्होंने दिए।उन्होंने कहा कि कोई सरकार सब्सिडी देती है तो स्थानीय स्तर पर प्रतिभाएं भी विकसित होती है।ओर क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होते है ओर क्षेत्र का विकास भी हो पाता है। क्योंकि वर्तमान में उत्तर प्रदेश, झारखंड जैसे प्रदेश फिल्म निर्माण में सब्सिडी प्रदान की जाती हैं। इसी कारण वहां क्षेत्रीय भाषाओं के साथ स्थानीय कलाकारों को मौका मिलता है ।जिससे वह देश मैं अपनी प्रतिभा को दिखाने का भी उसके माध्यम से उसे अवसर प्राप्त होता है। जब उनसे मध्य प्रदेश के बारे में किस तरह प्रतिभाओं को विकसित किया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को फिल्म सिटी की बजाए फिल्म निर्माण पर सब्सिडी के लिए कोई ऐसी योजना बनाई जाने जाना ही चाहिए जिससे फिल्म निर्माणकर्ता को आर्थिक मदद मिले जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को भी रोजगार के साथ फिल्मी करियर बनाने का अवसर मिलेगा।
     उन्होंने कहा कि समय के साथ फिल्म की कहानियां भी बदलती रही है। देश की आजादी के समय देशभक्ति फिल्मों का बड़ा चलन था। परंतु धीरे धीरे कहानियों का स्वरूप भी समय के साथ बदलता गया। वही फिल्म दमदार होती है सफल होती है जिसकी कहानी में दम होता है भले ही कलाकार उसमें स्थानीय या कोई भी हो। परंतु कई फिल्में ऐसी भी होती है जिसमें बड़े कलाकार होते हैं परंतु फिल्म की कहानी दम नहीं होता है तो ऐसी फिल्म को बाजार से दर्शकों का मोह भंग भी हो जाता है।