राम मन्दिर फैसले के बाद शिवराज और दिग्विजयसिंह का ट्विटर पर वाक युद्ध
भोपाल।राम मंदिर का फैसला आने के बाद देश में जहां आनंद का माहौल है वहीं इस माहौल के बीच प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री अपने ट्विटर के माध्यम से एक दूसरे को तंज कसते हुए नजर आ रहे है।एक और जहां दिग्विजय सिंह भगवान राम की मर्यादा का पाठ पढ़ाने की बात कर रहे हैं वही शिवराज समाज को बांटने वाले लोगों को जनता जवाब देने का दिग्विजयसिंह पर तंज कस रहे है।
मध्यप्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों शिवराज सिंह और कांगेस के वरिष्ठ नेतादिग्विजय सिंह ट्वीटर पर भिड़ गए। जहां दिग्विजय सिंह ने रविवार को ट्वीट किया।इसमें उन्होंने लिखा, "माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि फैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को गैरकानूनी अपराध माना है। क्या दोषियों को सज़ा मिल पायेगी? देखते हैं। 27 साल हो गए।" हालांकि दिग्विजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में इस फैसले का सम्मान करते हुए स्वागत भी किया है।
इस ट्वीट के बाद सोमवार को शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजयसिंह के ट्वीट को रिट्वीट कर जवाब दिया जिसमे उन्होंने लिखा' "मन आनंद और प्रसन्नता से भरा हुआ है, अयोध्या मामले का निर्णय आने के बाद सारा देश एकसाथ खड़ा है। ऐसे में समाज में खाई पैदा करने का प्रयास करने वाले तथा समाज को बांटने वाली इस विकृत मानसिकता का जवाब समाज स्वयं देगा।
दिग्विजयसिंह कहां चुप बैठने वाले थे उन्होंने इसका यूं दिया जवाब ट्वीटर पर लिखा, "शिवराज जी, भगवान राम मेरे हृदय में बसे हैं। आपका तो पता नहीं, पर मेरे घर पर राम मंदिर हमेशा से है, जिसमें अक्षत ज्योत जलती है। इसलिए मेरे लिए राम राजनैतिक स्वरूप नहीं, मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उनके नाम पर यदि गलत होगा, तो उनसे ही प्रेरणा ले कर मैं विरोध जरूर करूंगा। भगवान राम की राजनीति आप करें, मैं उनकी भक्ति में प्रसन्न हूं।
राम मन्दिर फैसले के बाद शिवराज और दिग्विजयसिंह का ट्विटर पर वाक युद्ध