पत्रकार प्रेम भटनागर स्मृति समारोह में वक्ताओं ने कहा शोशल मीडिया वरदान भी है और अभिशाप भी है, श्रेष्ठ पत्रकारों को किया पुरस्कृत
उज्जैन। उज्जैन प्रेस क्लब बधाई की पात्र है जो उन्होंने प्रो. प्रेम भटनागर का स्मरण किया। उज्जैन में और भी कई पत्रकार रहे हैं, जिनमें ठा. शिवप्रतापसिंह, गोवर्धनलाल मेहता, शिवमंगलसिंह सुमन आदि कई ऐसे पत्रकार, लेखक रहे हैं, जो कभी भुलाए नहीं जा सकते।
यह बात इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जीवन साहू ने उज्जैन में वरिष्ठ पत्रकार स्व. प्रेम भटनागर पुण्य स्मरण समारोह में आयोजित हिन्दी पत्रकारिता और चुनौती विषय पर व्याख्यान में कही। २२ दिसम्बर को प्रेस क्लब में आयोजित व्याख्यानमाला में माँ सरस्वती की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। तत्पश्चात अतिथियों व प्रेस क्लब में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा स्व. प्रेम भटनागर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस दौरान आयोजित व्याख्यानमाला में इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जीवन साहू ने कहा कि उज्जैन महाकाल की नगरी है, कालिदास की नगरी है, सम्राट विक्रमादित्य की नगरी है। इंदौर और उज्जैन के अंतराल पर उन्होंने कहा कि इंदौर भले ही कमर्शियल हो चुका हो, पर उज्जैन आज भी परम्पराओं और संस्कृति को लेकर चल रहा है। मात्र 55 किलोमीटर की दूरी में यह अंतर दिखता है कि वहाँ किसी के पास समय नहीं है और यहाँ लोग आसानी से एक-दूसरे को समय दे देते हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने सबको बांध दिया है। सोशल मीडिया वरदान भी है और अभिशाप भी। आज इंदौर में लोग किसी अधिकारी या नेता को ज्ञापन देने की बजाए इंदौर प्रेस क्लब को ज्ञापन देते हैं और ये अपेक्षा रखते हैं कि इंदौर प्रेस क्लब अधिकारियों को इस ज्ञापन के माध्यम से चेताएगा। राजेन्द्र माथुर का नाम हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में पूरे हिन्दुस्तान में लिया जाता है। उज्जैन में भी मानसिंह राही, रामरतन ज्वेल, शिव शर्मा तथा और अन्य कई लेखक, पत्रकार रहे हैं जिनका स्मरण जरूरी है। मालवा के लोग प्रकाशचन्द्र सेठी जी को भूल गए। सेठी जी भले ही इंदौर से चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री बने परन्तु पैदाइश तो उनकी उज्जैन की रही है। शिवमंगलसिंह सुमन ने भी उज्जैन की पत्रकारिता को पोषित किया। श्री साहू ने आगे कहा कि बात १९६७ की है, जब महाकाल मंदिर का दूसरा द्वार राजमाता सिंधिया ने खुलवाया था। यह खबर भटनागरजी ने पीटीआई के माध्यम से अखबारों में छपी थी।
वरिष्ठ पत्रकार क्रांतिकुमार वैद्य ने स्व. श्री प्रेम भटनागर जी के जीवन और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उनसे जुड़ी यादों को श्री वैद्य ने अपने संबोधन में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्री भटनागर के साथ उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। डॉ. जितेन्द्र भटनागर ने कहा कि उनके मामा स्व. श्री प्रेम भटनागर ने अपनी लेखनी को कभी बांधा नहीं। वे पूरी उम्र पत्रकारिता के स्तंभ बने रहे।
इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव नवनीत शुक्ला ने कहा कि उन्हें उज्जैन प्रेस क्लब से भी बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता के सिद्धांत बदल गए हैं। आज पत्रकार सिद्धांतों पर नहीं चलता। पुराने समय में पत्रकार सिद्धांत को मान कर चलता था। अध्यक्षीय उद्बोधन में अग्रिपथ के सम्पादक श्री अर्जुनसिंह चंदेल ने कहा कि श्री भटनागर के समय पीटीआई २३ कैरेट का सोना था। उन्होंने कई मिनिस्टर की बोलती बंद कर दी थी। आज पत्रकारिता का गला घोंटा जा रहा है।
इस दौरान श्रेष्ठ पत्रकारों को पुरस्कृत किया गया। प्रथम पुरस्कार दैनिक पत्रिका के पत्रकार जितेन्द्र चौहान को भेंट किया गया। द्वितीय पुरस्कार दैनिक भास्कर से आशीष दुबे को भेंट किया गया। तृतीय पुरस्कार प्रेस क्लब के संयुक्त सचिव और श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र गिरि को भेंट किया गया। स्वागत भाषण प्रेस क्लब अध्यक्ष विशालसिंह हाड़ा ने दिया। पुरस्कारों के नामों की घोषणा प्रेस क्लब सचिव उदयभान सिंह चंदेल ने की। संचालन राजेन्द्र पुरोहित ने किया। डॉ. जितेंद्र भटनागर और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कृष्णा भटनागर ने पुरस्कार राशि प्रदान की। व्याख्यानमाला में वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल जैन, भूपेंद्र दलाल, सतीश गौड़, संदीप वत्स, खलिक मंसूरी, राजेश जोशी, श्रमजीवी पत्रकार संघ के संभागीय अध्यक्ष राजेन्द्र राठौर, संतोष राठौर, राजेश रावत, भारतसिंह चौधरी, लक्ष्मीनारायण यादव, के.बी. सिंह, बलदेव राज,मनीष पांडे, राधेश्याम चौरसिया, अरुण राठौर, विपिन गिरी, दारा खान, विजय शर्मा, भूपेंद्र भूतड़ा, भूपेंद्र छपरवाल, हेमंत भोपाळे, वरिष्ठ अभिभाषक प्रताप मेहता, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक यादव, अभिभाषक आशीष उपाध्याय, कैलाश विजयवर्गीयसेवानिवृत्त डिप्टी कमिश्नर एचसी सोनी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान युवा उद्योगपति शुभम गुप्ता ने प्रेस क्लब को वाटर कूलर भेंट किया।
सम्मान स्वीकारा, राशि भेंट की : कार्यक्रम में श्रेष्ठ पत्रकारिता पर श्री गिरी को जब मंच से सम्मानित किया तथा पुरस्कार राशि प्रदान की तो उन्होंने सम्मान तो स्वीकार कर लिया, किंतु राशि को प्रेस क्लब के पत्रकार कल्याण कोष में जमा करवा दी। इस घोषणा पर वहां बैठे सभी पत्रकार साथियों ने श्री गिरी की भूरि भूरि प्रशंसा की।
पत्रकार प्रेम भटनागर स्मृति समारोह में वक्ताओं ने कहा शोशल मीडिया वरदान भी है और अभिशाप भी है, श्रेष्ठ पत्रकारों को किया पुरस्कृत