कमलनाथ सरकार विशेष सत्र बुलाए ओर एनपीआर लागू नहीं करने का प्रस्ताव पास करे - आनंद मोहन माथुर     बेगमबाग धरने से गरजते कहा केंद्र सरकार देश को तोड़ने का काम कर रही

कमलनाथ सरकार विशेष सत्र बुलाए ओर एनपीआर लागू नहीं करने का प्रस्ताव पास करे - आनंद मोहन माथुर
    बेगमबाग धरने से गरजते कहा केंद्र सरकार देश को तोड़ने का काम कर रही
उज्जैन।मध्यप्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने एनपीआर (जनगणना) पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रत्येक  11 वर्ष में यह रजिस्टर तेयार किया जाता है जो आने वाले समय 2021 में बनाया जाना था।परन्तु सरकार की नीयत पर शक जाहिर करते हुए कहा कि वह एक साल पहले यह रजिस्टर क्यों तैयार करना चाहती है।उन्होंने कहा कि घर पर इस सम्बन्ध में कोई भी अधिकारी जांच करने आए हैं तो उसे कोई कागजात दिखाने की जरूरत नहीं है।
       श्री माथुर कल रात बेगम बाग स्थित नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ निरंतर चल रहे धरनास्थल पर मौजूद हजारों महिलाओं ओर पुरुषों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शाहीनबाग पर धरने पर बैठी महिलाओं का याद करते हुए कहा कि 70 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि महिलाएं चूल्हा चोके से निकल कर घर से बाहर निकली जिसने जाड़ा सहा जमीन पर सोई इनका नाम तो स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाना चाहिए।उन्होंने सवाल किया कि आखिर वो अपने घरों से क्यों निकली हे।उनके सामने उनकी पहचान या नागरिकता का संकट आने वाला है।उन्हें सिद्ध करने के लिए उनसे वो सबूत मांगे जाने वाले जो वो ला नहीं सकते।
     उन्होंने कहा कि इस सरकार आने के बाद आज देश भक्ति और देशद्रोही की परिभाषा ही बदल गई है।पहले जमाने में अंग्रेजो के खिलाफ जो खड़ा होता था वह देशभक्त कहलाता था परंतु आज जो लिंचिंग करें लोगों में नफरत फैलाए वह देशभक्त कहलाने लगा है।जो सरकार से सवाल करे ,सरकार के खिलाफ बोले वो देशद्रोही हो गया।
     93 वर्षीय अधिवक्ता माथुर ने  एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर ) के बारे में बताते हुए कहा यह बड़ा खतरनाक रजिस्टर बनाया जा रहा है।यह रजिस्टर 1948 से देश में बनाया जा रहा है।ओर इसे कानून के हिसाब से अगले बरस 2021 में बनाया जाना था।उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार ने इसे 2020 में ही लागू क्यों करने जा रही ? उन्होंने कहा कि इस एनपीआर में जो सरकार के द्वारा  पूछा जाएगा कि आप कहां पैदा हुए आपके माता पिता कहां पैदा हुए उन्हें कहां से सबूत देंगे।सरकार 21 मई से इसे लागू करने जा रही है।उन्होंने कहा कि इसकी जांच के दरोगा को अधिकृत किया है।उसे शक होगा कि आपने जो बताया वह गलत हे तो उसका नाम एक शक की सूची में डाल दिया जाएगा।
     उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा खतरनाक बात इस भी और ज्यादा होने जा रही है कि आपकी सारी निजी जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी।उन्होंने समझाते हुए कहा कि जब पूरी सूची जारी होने के बाद उसे सार्वजनिक कर आपत्ति बुलाई  जाएगी ओर किसी ने यह बोल दिया कि उसके द्वारा बताई गई जानकारी गलत है तो उसको एक शक की सूची में डाल दिया जाएगा।उसे साबित करने के लिए उसकी न्यायालय में सुनवाई होगी।ओर वह गलत पाई गई तो उसे डिटेक्टर सेंटर में भेज दिया जाएगा ।
       उन्होंने कमलनाथ भी अनुरोध किया कि वह विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर उसे एनपीआर जैसे कानून को लागू नहीं करने का प्रस्ताव पास करे ओर कहे की मप्र में यह कानून लागू नहीं होगा।उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है इसको बचाए रखने के लिए हमें हमारी एकता बताना होगी।हिन्दू ,मुस्लिम सिख ओर ईसाई सभी धर्म के लोग एकता के साथ फिर एक होना होगा तभी यह लोकतंत्र सुरक्षित रख पाएंगे।
     इस अवसर पर शहर काजी खालिक रहमान ,वरिष्ठ अभिभाषक कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ सहित अन्य अतिथि मौजूद थे।आयोजन समिति के अध्यक्ष हाफिज मोहम्मद अय्यूब ने सभी लोगो का आभार व्यक्त किया।