पंचायत चुनाव बारिश के बाद होने के आसार, मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई को होगा
उज्जैन।मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के द्वारा पंचायत चुनाव को लेकर मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम का आज ऐलान किया गया। जिसके तहत मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई को किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि पंचायत चुनाव अब छह महीने देरी से होने की संभावना है। क्योंकि मई के अंतिम सप्ताह में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा तो जून में बारिश लग जाएगी ऐसी स्थिति में चुनाव बारिश के बाद ही कराए जाने के आसार है।
मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर चल रहे असमंजस को आज मप्र निर्वाचन आयोग ने पूरी तरह पटाक्षेप कर दिया। मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के द्वारा अभी तो मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम ही घोषित किया गया है जो 26 मई तक चलेगा। मध्यप्रदेश में पंच एवं सरपंच का कार्यकाल फरवरी में तथा जनपद तथा जिला पंचायतों का कार्यकाल मार्च माह में समाप्त हो रहा है। अभी तक चुनाव को लेकर यह कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव मई माह कराए जाएंगे। परंतु जब तक मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम पूरा नहीं हो जाता तब तक यह कयास लगाना बेमानी होगा।
मप्र निर्वाचन आयोग द्वारा आज मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी किया गया ।जिसके तहत सूची का प्रारम्भिक प्रकाशन 22 अप्रैल को होगा।22 से30 अप्रैल तक दावे आपत्ति ली जाएगी।5 मई को दावे आपत्ति का निराकरण किया जाएगा। तथा 26 मई को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।यह मतदाता पुनरीक्षण का कार्य नगरीय निकाय एवं पंचायत दोनों ही स्तर पर साथ साथ किया जाएगा।
चुनाव आगे बढ़ाए जाने की कई कारण हैं जिनमें सबसे महत्वपूर्ण कारण कर्ज माफी का है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एक लाख तक का कर्जा पूरी तरह प्रदेश में माफ कर दिया गया है। परंतु दो लाख तक का कर्जा अभी तक किसानों का माफ नहीं किया जा सका है। अभी तो उसकी प्रक्रिया शुरू ही हुई है। इस कारण बारिश के बाद तक सम्पूर्ण कर्जमाफी पूरी तरह मध्यप्रदेश में हो जाने के बाद ही सरकार की मंशा चुनाव कराए जाने की है।
चुनाव आगे बढ़ाई जाने का एक और महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि वार्ड परिसीमन को लेकर पूरे प्रदेश में कई याचिकाएं न्यायालय में दायर है। चुनाव जल्दी कराए जाते हैं तो कई मामलों में इस स्थगन की संभावनाओं को देखते हुए शासन ने चुनाव आगे बढ़ाए जाने का यह तरीका निकाला है। जबलपुर उच्च न्यायालय की मुख्य खंडपीठ ने ऐसी सारी याचिकाएं एक साथ बुला ली हे जिस पर अभी सुनवाई विचाराधीन है। इन सारी याचिकाओं का फैसला भी तीन ,चार माह हो जाने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है।
तीसरा महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि आचार संहिता के कारण कई प्रशासनिक एवं निर्माण कार्य प्रभावित हो जाते हैं। मंत्रियों की गाड़ी घोड़े छीन लिए जाते हैं। इसलिए निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव की पुनरीक्षण का काम एक साथ शुरू किया है। और संभावनाएं है कि नगरीय निकाय एवं पंचायतों के चुनाव बारिश के बाद एक साथ कराए जाएंगे।ताकि दोनों चुनाव के लिए अलग अलग अचार संहिता नहीं लगाना पड़े।
एक कारण यह भी हो सकता है कि प्रदेश में अधिकांश पंचायतों में भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी है ।इनका कार्यकाल मार्च माह में समाप्त होने के बाद सभी दूर प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। उनकी नियुक्ति के बाद सारी जमावट कांग्रेस के हिसाब से प्रशासक के माध्यम से दो-तीन महीने में पूरी कर ली जाएगी। इस बीच सभी बीजेपी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का दबदबा भी ख़तम हो जाएगा और जनता भी उनको भूल चुकी होगी।
पंचायत चुनाव बारिश के बाद होने के आसार, मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई को होगा