पंचायत चुनाव परीक्षाओं की वजह से  आगे बढ़ाए जाने की चर्चा,अध्यक्ष का आरक्षण भी खटाई में

पंचायत चुनाव परीक्षाओं की वजह से  आगे बढ़ाए जाने की चर्चा,अध्यक्ष का आरक्षण भी खटाई में
उज्जैन।पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी शुरू हो गई इसके बीच जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण को लेकर आज दिनभर अटकलो का बाज़ार गर्म रहा।ख़बर यह चलती रही की छह फरवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण की तिथि छह फरवरी की बजाय अगले महीने तीन मार्च को किया जाएगा। इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी सामने नहीं आ पाई है।परन्तु अंदर ही अंदर आरक्षण को लेकर शासन स्तर पर कोई खिचड़ी जरूर पक रही है।
       पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण स्तर पर वार्ड आरक्षण होने के बाद प्रत्याशियों के द्वारा तैयारियों का दौर शुरू कर दिया गया है। चुनाव लड़ने वाले हैं दावेदार अपने अपने स्तर पर सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच अपना यह संदेश देने में सफल हो रहे हैं कि वह भी चुनाव में दावेदार है। परंतु इसी बीच जिला पंचायत अध्यक्ष का 6 फरवरी को होने वाला आरक्षण को टाले जाने को लेकर आज दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। यह ख़बर आने के बाद चुनाव लड़ने वाले दावेदारों के बीच इसे झटके के रूप में देखा जा रहा है।
       इस बारे में जब विधायक रामलाल मालवीय से पूछा कि पंचायत चुनाव को लेकर क्या शासन स्तर पर कुछ निर्णय लिया गया है तो उन्होंने कहा कि परीक्षाओं की वजह से शासन स्तर पर चुनाव अप्रैल में मई में कराए जाने के बारे में उच्च स्तरीय चर्चा चल रही है। कई जनप्रतिनिधियों ने भी शासन स्तर पर परीक्षाओं की वजह से पंचायत चुनाव मई में कराए जाने का अनुरोध किया है ताकि सभी तरह की परीक्षाओं का दौर पूर्ण हो सके। जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि उनकी शासन स्तर पर इस बारे में चर्च हुई है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण की फाइल चीफ सेक्रेटरी की तरफ भेजी गई है। इस बारे में कोई अधिकृत निर्णय नहीं हो पाया है।उन्होंने कहा कि यह तो तय है कि पंचायत चुनाव फरवरी में परीक्षाओं के कारण नहीं कराए जा सकते है । जहां तक जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण का सवाल है वह भी फिर आगे ही बढ़ाया जा सकता है फिर भी एक दो दिन में  सारी अटकलों पर विराम लग जाएगा।