सिंधिया के बयानों में नरमी के संकेत , धेर्य रखे अभी कमलनाथ सरकार को एक साल ही हुआ
भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निशाने पर पिछले काफी समय से मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार रही है।वह जब भी मौका हाथ लगता सरकार के कान खींचने में उन्होंने कोई कोताही नहीं बरती।इसी का नतीजा है उनके विरोधी भी उनकी राह में कई कांटे बिछाने में पीछे नहीं रहे।लगता है उनके सख्त लहजे में कुछ नरमी आई है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस में जारी तनातनी के बीच कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के सुर में नरमी आई है। उन्होंने कहा है कि वह जन सेवक हैं और पार्टी को सत्ता दिलाने वाले 2018 के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादे पूरे नहीं हुए, तो उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ेगा। गुना के पूर्व सांसद ने हालांकि कहा कि धैर्य रखने की जरूरत है, क्योंकि राज्य में कमलनाथ सरकार के अभी साल भर ही पूरे हुए हैं।
सिंधिया ने कहा, मैं एक जन सेवक हूं और जनता के लिए लड़ना ही मेरा धर्म है। उन्होंने पत्रकारों से कहा यदि वादे पूरे नहीं होते तो आपको सड़कों पर उतरना पड़ेगा। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते टीकमगढ़ में एक रैली में सिंधिया ने कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चेताया था कि यदि राज्य सरकार आंदोलनकारी अतिथि शिक्षकों की मांगों को पूरा नहीं करती तो आंदोलन करेंगे। इस पर नाराजगी जताते हुए सीएम कमलनाथ ने सिंधिया को आंदोलन करने की चुनौती दी थी। उल्लेखनीय है कि 15 साल बाद जबसे कांग्रेस सत्ता में लौटी है सिंधिया और कमलनाथ के समर्थकों में रिश्ते तनावपूर्ण हैं।
सिंधिया के बयानों में नरमी के संकेत , धेर्य रखे अभी कमलनाथ सरकार को एक साल ही हुआ