कोरोना संकट मे ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को दस हजार दिए जाने की शिवराज घोषणा सिर्फ घोषणा ही रह गई !
उज्जैन। मप्र के घोषणावीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी घोषणा करने की आदत से कोरोना योद्धाओं को भी नही छोड़ रहे कोरोना से लड़ाई में अपने आप को बहुत संवेदनशील बताने वाले मुख्यमंत्री कोरोना की लड़ाई लड़ने वाले प्रथम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मी को दस हजार रु प्रति माह अतरिक्त देने की घोषणा की थी। जो आज तक पूरी नही हो सकी है
स्वास्थ कर्मियों के साथ सभी शासकीय कर्मी जिनमे पुलिस, शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, सफाई कर्मी इत्यादि जो कोरोना योद्धाओं के रूप में हर जगह अपनी जान जोखिम में डाल कर काम कर रहे है ।उन सभी योद्धाओं को दस हजार रु प्रति माह वेतन के अतिरिक्त भुगतान करने को कहा था किंतु दो माह गुजरने के बाद भी किसी को यह राशि नही देना उनके साथ क्रूर मजाक है ।
जिसकी कांग्रेस सेवादल के प्रदेश संयोजक अरुण वर्मा ने उज्जैन घोर निंदा करते हुए कहा कि विज्ञापनों एवं स्वयम की ब्रांडिंग करने व जनता के बीच न आकर टीवी चेनलो के माध्यम से बार बार संदेश प्रसारित कर खुद का प्रचार करने में करोड़ो खर्च किये जा रहे लेकिन जानजोखिम में डालकर सेवा देने वालो के साथ अन्याय किया जा रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल सभी कर्मचारियों को वेतन के अतिरिक्त दस हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान कर अपने ऊपर घोषणा वीर होने का जो दाग लगा है उसे कोरोनावायरस संकट में धो डाले।