नई गाइडलाइन आने के बाद शराब ठेकेदारों में खुद ही दुकान खोलने से किया इंकार
उज्जैन। मध्यप्रदेश में शराब दुकानों को लेकर 17 मई तक पूरी तरह प्रतिबंध लगाया लगाया गया है। शराब ठेकेदार राज्य शासन के द्वारा जारी गाइडलाइन पर दुकान खोले जाने को लेकर कोई रिस्क लेना नहीं चाहता। साथ ही शराब ठेकेदारों का यह भी कहना है कि कोरोना की वजह से शराब का व्यवसाय बीस प्रतिशत ही रहने की संभावना है और उन्हें इसलिए फीस पूरी अदा करना पड़ेगी। और उन्हें भारी घाटा उठाने की खतरा है। हालांकि राज शासन की ओर से इस प्रकार का कोई आदेश अधिकृत रूप से जारी नहीं किया गया की शराब दुकान कब खुलेगी।
प्रदेश मैं शराब दुकानों खोलने को लेकर जहां प्रदेश के आबकारी विभाग में सारी तैयारी कर ली थी वही शराब ठेकेदारों ने राज्य शासन की जारी गाइडलाइन से उन्हें आर्थिक नुकसान का खतरा होने के बाद उन्होने शराब दुकानें खोलने से अपने हाथ खड़े कर दिए। इसी के बाद राज्य सरकार ने शराब दुकान खोलने से 17 मई तक इंकार कर दिया। कोरोना के कारण शराब दुकान खोलने को लेकर जारी गाइडलाइन से आने वाले समय में शराब दुकान खोली जाएगी या नहीं इस पर भी खतरे के बादल मंडरा आए हुए हैं।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के द्वारा पच्चीस प्रतिशत अधिक रेट पर शराब की दुकानें आवंटित कर दी गई थी। इसके तहत सभी शराब व्यवसायियों को 1 अप्रैल से नई नीति के तहत शराब का विक्रय पूरे प्रदेश में किया जाना था। नई नीति के पहले जिले में प्रतिस्पर्धा के चलते शराब सस्ती मिलती थी। परंतु अब प्रत्येक जिले में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होने से शराब ठेकेदार मनमाने भाव पर शराब का विक्रय आने वाले समय में करेगा इसका राजपत्र में भी प्रकाशन हो चुका था।
इधर राज्य शासन द्वारा कोरोना संकट के चलते शराब दुकानों पर जारी नई गाइडलाइन के तहत उनके ऊपर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई है। नई गाइडलाइन के शराब दुकान पर पांच व्यक्ति से अधिक कोई लाइन में नहीं लगेगा। साथ ही संबंधित शराब खरीददार से उनका मोबाइल नंबर उनका पता उनका नाम आदि रजिस्टर में अंकित किए जाएंगे।
शराब ठेकेदार का कहना है कि कल से कोई सेल्समैन कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया तो जितने भी नंबर से शराब खरीदी गई है उन्हें सब क्वॉरेंटाइन किया जाएगा साथ ही शराब की दुकानें भी सील की जाएगी ऐसी स्थिति में कोई भी शराब ठेकेदार अपनी दुकान खोलने की रिस्क नहीं ले सकता।
शराब ठेकेदारों की बातों को लेकर कल मंत्रालय में आबकारी आयुक्त के समक्ष बैठक के बाद भी इस बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा हालांकि अभी तक शराब दुकान खोले जाने को लेकर कशमकश जारी है ठेकेदारों ने अपनी बात आला अधिकारियों को पहुंचा दी है।
शराब ठेकेदारों का कहना है कि वर्तमान में कोरोना के कारण शहर में तो कोई होटल चालू है ना कोई बीयर बार चालू है अहाते भी पूरी तरह बन्द हे। ऐसे में आम आदमी कोई पार्टी भी नहीं कर सकता है ऐसी स्थिति में शराब का व्यवसाय 20 प्रतिशत ही रहने की संभावना है। जबकि सरकार को उनकी ओर से पूरी फीस अदा करना पड़ेगी। इसकी वजह से उन्हें भारी नुकसान होने की आशंका के चलते शराब व्यवसायियों ने दुकान नहीं खोले जाने से सरकार को अपनी भावना से अवगत करा दिया है।