परीक्षा के आयोजन के खिलाफ छात्र मोमबत्ती एवं दिया जलाकर कल विरोध करेंगे

प्रदेश में परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ छात्र मोमबत्ती जलाकर कल विरोध करेंगे


उज्जैन। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा कोराना संकट के बीच महाविद्यालयीन परीक्षा का आयोजन की जाने की घोषणा की है। एक और सरकार जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए लोगो को दो महीने से अधिक समय तक घरों में कैद कर दिया। वही लगातार पॉजिटिव मरीजों की संख्या प्रदेश में बढ़ती जा रही है।सरकार को परीक्षाए आयोजन के निर्णय को तत्काल रद्द कर छात्रों को जनरल प्रमोशन देकर इस महामारी से बचाने के प्रयास करना चाहिए नहीं तो परीक्षा कराने का यह फैसला सरकार के गले की हड्डी ना बन जाए ।


    शिवराज सरकार के द्वारा विद्यालय महाविद्यालय ,विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के आयोजन के निर्णय से प्रदेश के लाखो छात्र छात्राओं में चिंता में डाल दिया है। एक ओर जहां प्रदेश में लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा होता रहा है।ऐसे में सरकार का यह निर्णय किसी भी दृष्टि से तर्कसंगत प्रतीत नहीं होता है।छात्र नेता वीरभद्र वर्मा (कुश लाला )ने जारी बयान में सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार के हर निर्णय लॉकडाउन से लेकर अभी तक के निर्णय पहले से ही असफल हो रहे हैं।यह महामारी जब प्रदेश में अपने चरम की ओर बढ़ रही है।ऐसे में परीक्षाओं के आयोजन का निर्णय भी छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाला न बन जाए।


      वीरभद्र वर्मा ने कहा कि जिस तरह सरकार के निर्णयों ने मजदूरों की जान माल के साथ खिलवाड़ किया है।उसे पूरे देश के मजदूरों ने भोगा।यह दृश्य जनता को मीडिया ने दिखाया हे। वह किस तरह सडको पर भूखे प्यासे पेदल चलने को मजदूर मजबूर हो गए ।उसी प्रकार सरकार परीक्षाओं के आयोजन कर छात्रों की जान जोखिम में न डाल दे ओर उनकी जान की परवाह किए बिना यह तानाशाही निर्णय न थोप दे।


    उन्होंने छात्रों से कहा कि अब हमें सरकार को हमारे जीवन के साथ खिलवाड़ करने का कोई मौका नहीं देना होगा इसके लिए हम सब एकजुट होकर सरकार के निर्णय का विरोध करेंगे।उन्होंने सभी साथियों से आव्हान है कि लॉकडाउन के चौथे चरण के अंतिम दिन में 31 मई रविवार को शाम 7 से 8 बजे के बीच में अपने अपने घरों पर दिया ओर मोमबत्ती या मशाल जलाकर ईश्वर से शिवराज सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करें ।