महाकाल की सवारी मार्ग को चल रही अटकलों को प्रशासन विराम दें,ओर परम्परागत मार्ग से निकाली जाए - अरुण वर्मा


उज्जैन। कोरोना संकटकाल में सभी धार्मिक स्थल बंद किए हुए थे। प्रशासन के द्वारा कुछ छूट के साथ कुछ धार्मिक स्थलों को खोले जाने की इजाजत दी है। परंतु सावन मास में उज्जैन में बहुप्रतीक्षित निकलने वाली महाकाल सवारी को लेकर मीडिया में मार्ग को लेकर कई तरह की अटकले लगाई जा रही है।प्रदेश सेवादल के संयोजक अरुण वर्मा ने कहा कि प्रशासन को इन अटकलों को विराम देते हुए घोषणा करना चाहिए सवारी परंपरागत मार्ग से ही निकाली जाएगी।


      प्रदेश संयोजक अरुण वर्मा ने कहा कि लॉकडाउन में छूट दिए एक महीना होने आया है ओर अभी तक धार्मिक स्थलो को पूरी तरह नहीं खोला गया हैं। श्रावण मास में निकलने वाली महाकालेश्वर की सवारी को लेकर मीडिया में मार्ग को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है जो पूरी तरह निराधार हे।उन्होंने कहा कि भगवान महाकाल की सवारी इसलिए निकाली जाती रही की जो बीमार लोग महाकाल के दर्शन करने नहीं जा सकते उन्हें भगवान स्वयं दर्शन देने के लिए आते हैं। वो साल भर से भगवान महाकाल की सवारी का इंतजार करते है।


       उन्होंने कहा कि शासन - प्रशासन को परंपरागत रूप से महाकाल की सवारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए निकाली जाए। उन्होंने कहा कि यह सरकार हिन्दू हित की बात करती है परंतु ऐसा लगता है कि वह हिंदू धर्म के खिलाफ महाकाल की सवारी को छोटे मार्ग में परिवर्तित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं जनप्रतिनिधि सरकार पर दबाव बनाए की महाकाल की सवारी परंपरागत रूप से ही शहर में निकाली जाना चाहिए।