पिंडदान एवं अस्थि विसर्जन लिए सिद्ध वट एवं रामघाट पर शर्तो के साथ अनुमति प्रदान
उज्जैन। पिछले सत्तर दिनों से लॉक डाउन के चलते कोरोना जैसी महामारी में कई लोगो की असामयिक मौत के कारण वह मौत के मुंह में चले गए। वहीं इन लोगो का धार्मिक रीति रिवाज से ना तो अंतिम संस्कार किया जा सका ओर नहीं उनका अस्थि विसर्जन एवं पिंडदान आदि क्रियाएं संपन्न की जा सकी।अब जिला प्रशासन ने रामघाट एवं सिद्धवट पर कुछ शर्तों के साथ धार्मिक क्रियाएं करने की अनुमति प्रदान की है।
ब्राह्मण समाज उज्जैन के अध्यक्ष सुरेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि इस सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों को पिंडदान एवं अस्थि विसर्जन में लोगो को हो रही परेशानियों से अवगत कराए जाने के बाद प्रशासन ने इस सम्बन्ध में जारी आदेश में कहा कि सिद्धनाथ घाट एवं राम घाट पर अस्थि विसर्जन एवं पिंडदान के लिए सुबह सात बजे से मध्यान 12 बजे तक का समय निर्धारित किया है।उन्होंने बताया कि धार्मिक गतिविधियों के तहत अस्थि विसर्जन एवं पिंडदान हेतु मृतक के केवल दो परिजन ही मौजूद रहेंगे। बाहर से आने वाले श्रद्धालु को सुबह सात से 12 बजे तक ही अनुमति होगी।कर्मकांड के लिए रामघाट पर कर्मकांड हेतु आरती स्थल के सामने, पिश्चमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के सामने,राणो जी की छतरी इसी प्रकार सिद्धवट घाट पर कर्मकांड हेतु निर्धारित व्यवस्था नगर पालिका निगम द्वारा निर्मित टीन शेड पर व्यवस्था रहेगी।सोशल डिस्टेंसिंग के साथ तीर्थ पुरोहितों द्वारा अस्ति पूजन एवं पिंडदान कर्म करा सकेंगे।