बाबा काल भैरव भगवान की सवारी प्रतीकात्मक रूप से पादुका पूजन के साथ निकाली गई
उज्जैन। भगवान महाकालेश्वर के सेनापति बाबा काल भैरव भगवान की सवारी भव्यता के बजाएं कोरोना काल की वजह से प्रतीकात्मक रूप से निकाल कर प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा का निर्वाह किया गया।
श्री काल भैरव भगवान की सवारी प्रतीकात्मक रूप में भगवान काल भैरव की पादुका लेकर मंदिर के पुजारी पंडित राजेश चतुर्वेदी और सभी प्रतीकात्मक भक्तों श्रद्धालुओं सिद्धवट मंदिर शिप्रा किनारे पहुंचे। जहां भगवान काल भैरव की पादुका का पूजन सिद्धनाथ मंदिर के पुजारी पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी द्वारा की गई शिप्रा किनारे भगवान की पादुका पूजन एवं आरती की गई इसके पूर्व काल भैरव मंदिर पहुंचकर जिला कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं एसपी सत्येंद्र शुक्ला तथा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने भगवान काल भैरव का पूजन अर्चन कर पादुका को सिद्धनाथ मंदिर रवाना किया सिंधिया वंश की परंपरा से महाकाल के पंडित राजेश पुजारी द्वारा पगड़ी भगवान काल भैरव को पहनाई गई एवं पूजन किया गया।