मध्यप्रदेश कांग्रेस में दो - दो महिला उत्पीड़न प्रकोष्ठ , पीसीसी द्वारा की गई नियुक्ति सवालों के घेरे में !
भोपाल।मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने महिला उत्पीड़न निवारण प्रकोष्ठ में अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की है, इसको लेकर पीसीसी और महिला कांग्रेस में घमासान छिड़ गया है। ।प्रदेश महिला कांग्रेस द्वारा पूर्व में ही महिला उत्पीड़न निवारण को लेकर एक सेल बना हुआ हे जिस पर महिला कांग्रेस की नेत्री राशिदा मुस्तफा काम कर रही है। परंतु प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सात दिसंबर को प्रियंका किरार नामक एक महिलानेत्री को इस प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बना दिया गया है। इसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। और यह मामला आज महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश की प्रभारी ओनिका मेहरोत्रा के भोपाल आगमन के दौरान जमकर गूंजा।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पार्टी के उपाध्यक्ष और संगठन के प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर के नाम से नई नियुक्तियां कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से लगातार की जा रही थी। अचानक 7 सितंबर को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उनके स्थान पीसीसी महामंत्री जेपी धनोपिया एवं उपाध्यक्ष अशोक सिंह के द्वारा कई नियुक्तियां पीसीसी और से की गई। इनमें एक नियुक्ति कांग्रेस महिला उत्पीड़न निवारण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद पर श्रीमती प्रियंका किरार की गई जिसको लेकर उनकी नियुक्ति के साथ थी विवाद शुरू हो गया।महिला कांग्रेस की पधाधिकारियो के अलावा कई प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारी भी यह सवाल उठा रहे हैं कि पहले ही प्रदेश महिला कांग्रेस के द्वारा उत्पीड़न निवारण सेल गठित कर रखा है और उसमें नियुक्ति भी की गई है तो फिर नया उत्पीड़न निवारण प्रकोष्ठ बनाने की क्या जरूरत है ?
इसको लेकर कई महिला पदाधिकारियों ने दिल्ली से आई राष्ट्रीय महामंत्री एवं मध्य प्रदेश की प्रभारी ओनिका मेहरोत्रा से भी सवाल किया कि जब महिला कांग्रेस इसके लिए अधिकृत है तो नया उत्पीड़न निवारण प्रकोष्ठ बनाने और नई नियुक्ति करने की क्या आवश्यकता है। इसी तरह के सवाल प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अर्चना जायसवाल की मौजूदगी में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ महामंत्री महेंद्र सिंह चौहान ने भी ओनिका मेहरोत्रा से पूछा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी महिलाओं को प्रकोष्ठ बनाने के लिए कब से अधिकृत हो गई हे ? उन्होंने इस बारे में नियुक्ति पत्र जारी करने वाले पार्टी के उपाध्यक्ष अशोकसिंह से भी इसी तरह का सवाल किया।
वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस मामले में श्रीमती मेहरोत्रा ने कहा कि वह दिल्ली जाकर इस पूरे मामले को देखेगी , इस अवसर पर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने स्पष्ट कहा कि उनकी और से राशिदा मुस्तफा को महिला उत्पीड़न निवारण सेल का प्रभारी बनाया हुआ है और वह उन्हीं को जानती है।
अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या किसी प्रदेश में महिला कांग्रेस का उत्पीड़न निवारण सेल बना होने के बाद क्या दो - दो महिला उत्पीड़न के प्रकोष्ठ काम करते रहेंगे ऐसा होता हे तो मध्य प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में यह पहला मामला होगा जब दो दो प्रकोष्ठ किसी एक ही काम के लिए अलग से काम करते रहेंगे।