मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस में उठापटक, अचानक प्रदेश अध्यक्ष जायसवाल सहित पूरी कार्यकारिणी भंग चार उपाध्यक्ष बने रहेंगे
भोपाल। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस में चार उपाध्यक्ष को छोड़कर पूरी महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। यह कार्यवाही पिछले दिनों मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष डॉ अर्चना जायसवाल के द्वारा नई कार्यकारिणी के गठन से उपजे विवाद के बाद महिला कांग्रेस के आलाकमान ने यह निर्णय लिया है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ जायसवाल मीडिया के सामने आकर उनको हटाने का खंडन कर रही है।
मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस में पिछले दिनों नई कार्यकारिणी घोषित करने के बाद उठे विवाद ने उग्र रूप धारण कर लिया है। हालांकि मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती अर्चना जायसवाल पूर्व में घोषित कार्यकारिणी पर स्थगन लगा दिया था। परंतु 22 फरवरी की रात से ही महिला पदाधिकारियों को बुला बुला कर नियुक्ति पत्र दिए जाने के बाद फिर से यह विवाद सामने आ गया है
।इसके बाद महिला कांग्रेस की प्रभारी ओनिका मेहरोत्रा ने 4 उपाध्यक्ष के अतिरिक्त पूरी महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी को अध्यक्ष सहित भंग कर दिया गया है। हालांकि दिन में अर्चना जायसवाल को हटाए जाने के बाद खुद वह मीडिया के सामने आई और उन्होंने इन अफवाहों का खंडन करते हुए सभी महिलाओ को पार्टी के लिए काम करते रहने का आव्हान किया हे।
इधर मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रभारी ओनिका मेहरोत्रा ने चर्चा के दौरान बताया कि चार उपाध्यक्ष बने रहेंगे उनके अतिरिक्त पूरी कार्यकारिणी को अध्यक्ष सहित भंग कर दिया गया है। परंतु मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने मीडिया के सामने आकर इसका खंडन करते हुए कहा कि वह वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष है और काम कर रही है। उन्होंने अपनी सभी महिला साथी पदाधिकारियों को पार्टी के पक्ष में काम करने का आह्वान किया है, साथ ही उन्होंने कहा है कि महिलाएं कार्यकारिणी भंग होने से निराश ना हो और उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में पार्टी के लिए काम करते रहे।
महिला कांग्रेस को भंग करने के बाद पूरे प्रदेश में मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की फूट सामने आ गई है।इस विवाद की शुरुआत पिछले दिनों प्रदेश की कई महिला नेत्री जो प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहती थी उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को पार्टी छोड़ने की धमकी देकर मीडिया के सामने आकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की उसके बाद एक अल्पसंख्यक महिला नेत्री जो पिछले काफी समय से मुखर थी वह मीडिया के सामने आकर प्रदेश अध्यक्ष को धमकी देते हुए पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया उसके बाद उन्होंने उस नेत्री को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना देंगे। उसके बाद उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने प्रदेश में उस अल्पसंख्यक महिला नेत्री के साथ तीन अन्य उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए।
इधर प्रदेश महिला कांग्रेस को भंग करने के बाद जो महिला पदाधिकारियों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आने वाले दिनों में महिला कांग्रेस में और फुटव्वल होने की संभावना है। क्योंकि प्रदेश में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं सभी महिला नेत्री आलाकमान को ब्लैकमेल करने के लिए लगातार कई तरह के हथकंडे अपना रही है। कई महिलाओं का मानना है कि अर्चना जायसवाल को बनाए हुए 6 महीने भी नहीं हुए थे और उन्हें दूध में मक्खी की तरह निकाल कर बाहर कर दिया गया जो किसी भी महिला नेत्री के साथ अभी तक इस तरह का अपमान नहीं किया गया है। देखते हैं कि आने वाले समय में महिला कांग्रेस की यह लड़ाई क्या गुल खिलाती है।