प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पद पर विभा पटेल की ताजपोशी,कई चुनौतियों से जूझना होगा
भोपाल।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पद पर भोपाल नगर निगम की पूर्व महापौर विभा पटेल को प्रदेश का नया अध्यक्ष बनाया गया है।मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पद से पिछले दिनों डा अर्चना जायसवाल को नई कार्यकारिणी के गठन के विवाद के बाद उन्हें पद मुक्त कर दिया था। विभा पटेल की नियुक्ति के बाद उनकी असली परीक्षा आगामी समय महिला कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच उनमें किस तरह का सामंजस्य बिठाकर आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका को किस तरह से पार्टी के उपयोग करेगी ,यह देखना दिलचस्प होगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव वेणुगोपाल के हस्ताक्षर से जारी नियुक्ति पत्र में विभा पटेल को प्रदेश महिला कांग्रेस की बागडोर सौंपी गई है, उनकी नियुक्ति से कई तरह की महिलाओ की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है ।क्या उन्हें एक कठपुतली मात्र रखा जाएगा या फिर वह स्वतंत्रता पूर्वक कार्य करेगी ? परंतु अब ऐसा होना नामुमकिन दिखाई दे रहा हे, क्योंकि विभा पटेल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह की समर्थक मानी जाती है और उनकी नियुक्ति में दिग्विजय सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही हे। इसी वजह से प्रदेश की अन्य महिला उपाध्यक्ष जिन्हे डा अर्चना जायसवाल को हटाने का जिम्मेदार माना जा रहा हे वो उन पर ना तो दबाव डाल पाएगी और ना ही पार्टी गाइडलाइन के खिलाफ कोई काम कर पाएगी।
इधर राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में भी आगामी विधानसभा के लिए डेरा डालने वाली है, इसको लेकर भी कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भयभीत हैं ।जिस तरह उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर लूप लाइन में डाल दिया है, कहीं मध्यप्रदेश में वरिष्ठ नेताओं को उसी तरह साइड लाइन तो नहीं कर दे। जानकारों का कहना है कि इसी वजह से डा अर्चना जायसवाल को भी हटाने के लिए इन नेताओं ने उन्हें रास्ते से हटाया है ताकि वह प्रियंका गांधी के नजदीक ना जा पाए।
प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल निश्चित रूप से सुलझी हुई होने के साथ उन्हें प्रशासनिक अनुभव भी प्राप्त है तथा वह भोपाल के सभी वरिष्ठ नेताओं के नजदीक रहने के उनके साथ कार्य करने का अनुभव भी उन्हे प्राप्त है। इस कारण वह पार्टी की नैया को पार करने के लिए सक्षम नजर आती है उनके सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है कि वह प्रदेश की विभिन्न गुटों में बटी महिला नेताओं किस तरह एक जाजम पर बिठाकर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एकजुट कर पाएगी इसी पर सबकी निगाहें लगी हुई है।