उज्जैन में 12 दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स की दो बैच के प्रमाण पत्र वितरित
उज्जैन।आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत उज्जैन में कीटनाशक व्यापारियों द्वारा 12 सप्ताह के डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स की दो बैच का आयोजन महिदपुर एवं खाचरौद तहसील में आयोजित किया गया था ,जिसमे
80 सदस्यों ने भाग लिया। जिनके प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम उज्जैन कृषि विज्ञान केंद्र पर किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान के तहत आयोजित किया गया।
इस अवसर पर आयोजित किसान मेले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने वर्चुअल सम्बोधन के बाद आयोजित इस प्रमाण पत्र वितरण में भाजपा के जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला, बड़नगर के पूर्व विधायक शांतिलाल धबाई,उपसंचालक कृषि आर पी एस नाइक, परियोजना संचालक आत्मा पी एस जमरा,कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर पी शर्मा,उपसंचालक उद्यानिकी सुभाष श्रीवास्तव, दिलीप सूर्यवंशी , डी एस तोमर ,एस के कौशिक , रेखा तिवारी, गजाला खान,राजेंद्र गवली,कृषि स्थाई समिति के अध्यक्ष किशोर शर्मा, कृषि आदान विक्रेता संघ भोपाल के प्रदेश सचिव संजय रघुवंशी एवं उज्जैन के जिला अध्यक्ष लेखराज खत्री सहित बड़ी संख्या में किसान बंधु उपस्थित थे।
जिन 80 अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए उन्हें कृषि विभाग में जमा करने के बाद उनके कीटनाशक लाइसेंस आजीवन रिन्यूअल हो जाएंगे ।
कृषि आदान विक्रेता संघ के प्रान्तीय सचिव संजय रघुवंशी ने संबोधित करते हुए कहा कि उज्जैन ही एकमात्र जिला है जहां पर एक वर्ष में कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से 200 विक्रेताओं को उक्त प्रमाण पत्र वितरित किए गए हैं और जिले में आगामी 9 माह में 200 और विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिन्हें प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2022 है।
हमारी कोशिश है कि आगामी -दो सालों तक इस कोर्स को किया जा सके एवं जब तक प्रत्येक व्यापारी का डिप्लोमा कोर्स सर्टिफिकेट कोर्स कंप्लीट नहीं हो जाता तब तक इस अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने के प्रयास किए जाते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि श्री रघुवंशी के नेतृत्व में सिएट के डायरेक्टर के पी अहरवाल का उज्जैन आगमन पर एक अलग ज्ञापन देकर मांग की गई है कि सिएट के माध्यम से प्रदेश के सभी आत्मा एवं फार्मर्स ट्रेनिंग सेंटर को नोडल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट नियुक्त करें एवं इन दोनों कोर्स को जल्द से जल्द शुरू करने का आदेश जारी करें ताकि ज्यादा से ज्यादा व्यापारी इन दोनों कोर्स का लाभ प्राप्त कर सके एवं भारत सरकार द्वारा लागू किए गए इन दोनों कोर्स को मध्यप्रदेश में सुचारू रूप से चलाया जा सके।