महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी में रोड़ा बनी है प्रदेश की चार उपाध्यक्ष - विभा पटेल के सामने नई मुसीबत !

 - महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी में रोड़ा बनी है प्रदेश की चार उपाध्यक्ष

   -  विभा पटेल के सामने नई मुसीबत !


     भोपाल।मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हुए विभा पटेल को दो माह होने को आया है। इस बीच वह अपनी कार्यकारिणी का विस्तार तक नहीं कर पाई हैं।हालाकि संगठन स्तर पर इसकी कवायद लगातार जारी है। परंतु अंदर खाने की खबर यह है कि महिला कांग्रेस में विभा पटेल को छोड़कर चार उपाध्यक्ष बनी हुई हैं वह उनके लिए सिरदर्द बनकर कार्यकारिणी के गठन में रोड़ा डाले हुए हैं। हालांकि इस माह के अंत तक कार्यकारिणी गठन कर उसकी सूची जारी करने का राजनीतिक हलकों के द्वारा मीडिया में दावा किया जा रहा है।

     मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अर्चना जायसवाल के हटाए जाने के एक सप्ताह बाद 1 मार्च को विभा पटेल को प्रदेश महिला कांग्रेस की बागडोर इस उम्मीद से सौपी थी कि वह डा अर्चना जायसवाल से बेहतर काम कर महिला कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी का अंत कर संगठन को मजबूती के साथ आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व इस लायक बना दे कि चुनाव में उसके परिणाम संतोषजनक रूप से 2023 में सामने आ सके, परंतु दो महीने होने को आया है ना तो विभा पटेल अपनी कार्यप्रणाली से यह सिद्ध कर पाई है कि वह पूर्व अध्यक्षों से ज्यादा काबिल तरीके से संगठन को चला रही ओर ना ही ऐसा कोई आंदोलन कर करिश्मा कर सकी है कि सतारूढ़ दल और सरकार को कटघरे में खड़ा कर उसके लिए मुसीबत बन जाए, इसी वजह से संगठन की महिलाएं भी उनके कामकाज से  संतुष्ट नहीं है।

    इधर ये खबरें भी सामने आ रही है कि महिला कांग्रेस में जिन चार महिला नेताओं को संगठन का उपाध्यक्ष बनाया गया है वह भी विभा पटेल को असफल साबित करने में कोई कोर कसर बाकी नही रख रही हैं।महिला कांग्रेस के जानकार लोगों का कहना है कि जिस वजह से अर्चना जायसवाल और चारों उपाध्यक्ष के बीच अनबन का जो कारण था वही कारण विभा पटेल के सामने भी रोड़ा बनकर मूंग दल रहा है। राजनीतिक गलियारों में यह भी खबर है कि चारों उपाध्यक्षों की वजह से भी सबसे काबिल और असरदार होने के बाद भी विभा पटेल अपनी कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पा रही है। चारों उपाध्यक्षों ने अपने बुजुर्ग नेताओं के माध्यम से दिल्ली हाईकमान को यह संदेश कहलवा दिया कि उनके अतिरिक्त प्रदेश में अन्य कोई और उपाध्यक्ष नहीं बनाया जाए। यही वजह है कि विभा पटेल पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी के किसी उपाध्यक्ष को डी ग्रेड कर महामंत्री या सचिव केसे बनाए ?

    अधिकांश पूर्व महिला पदाधिकारी विभा पटेल से यह उम्मीदे लगाए बैठी है कि उनके आने के बाद उन्हें निश्चित रूप से पूर्व से ज्यादा वजनदार और काबिल पद मिलेगा परंतु इन चारों उपाध्यक्षों ने संगठन में इस तरह का रायता ढोला हे कि विभा पटेल न उगल पा रही है और ना निगल पा रही है।इसी कारण ऐसी महिला पदाधिकारियों को जरूर झटका लग सकता है कि उनकी उम्मीदों के मुताबिक पद ना मिल पाए इसलिए उन्हें धैर्य से नई कार्यकारिणी गठन का इंतजार करना चाहिए।