संभागीय बैठक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मतदाताओं के नाम जोड़ने की प्रक्रिया कार्य में कोताही न बरती जाये,राजन ने फोटो निर्वाचक नामावली के कार्यों समीक्षा की
उज्जैन 20 अप्रैल। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन द्वारा बुधवार 20 अप्रैल को बृहस्पति भवन में उज्जैन संभाग में चल रही फोटो निर्वाचक नामावली के कार्यों की संभागीय समीक्षा बैठक लेकर सम्बन्धित उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि मतदाताओं के नाम जोड़ने की सतत प्रक्रिया है और इस कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाये। भारत सरकार द्वारा ईपिक के रेशो को तय किया है, उसी आबादी के हिसाब से मतदाताओं के नाम जोड़ने की कार्यवाही समय-समय पर की जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि कड़ी मेहनत कर अपने-अपने जिले की संवीक्षा कर एक हफ्ते में कार्यवाही कर अवगत करायें।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने समीक्षा बैठक में ईपिक रेशो, महिला मतदान प्रतिशत, मतदाता सूची में किए गए समरी रिवीजन, नवीन मतदाताओं को वितरित किए जाने वाले ईपिक कार्ड, पोलिंग स्टेशन आदि विषयों पर चर्चा कर सम्बन्धित जिलों के उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण कार्यों की जिलेवार विस्तृत रूप से समीक्षा की। श्री राजन ने निर्देश दिये कि जिलों में अनुमानित मतदाताओं तथा वास्तविक मतदाता की जनसंख्या के मध्य के गैप को नियमित रूप से स्क्रीनिंग कर कम करने का प्रयास किया जाए। पुरूष मतदाता की तुलना में महिला मतदाताओं में जो गेप है, उसे भी अनिवार्य रूप से ठीक करने की आवश्यकता है। उक्त कार्यवाही 15 दिन के अन्दर पूर्ण की जाये। साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि मतदान केन्द्रों को चिन्हित कर उचित माध्यम से नाम जुड़वाने की कार्यवाही की जाये। नाम जोड़ना, नाम घटाने के आवेदन-पत्र जिलों में प्राप्त होते हैं, उन आवेदन-पत्रों को लम्बित न रखा जाये। निर्धारित समय पर उनका निराकरण किया जाये। पात्रता की शर्तें पूरी करने वाले मतदाताओं का नाम अनिवार्य रूप से मतदाता सूची में जोड़ा जाए इसकी नियमित मॉनिटरिंग सभी उप जिला निर्वाचन अधिकारी करते रहें। निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण कार्य की मॉनिटरिंग के लिए बूथ स्तर के साथ-साथ निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर भी सूक्ष्म विश्लेषण किया जाना चाहिए। साथ ही नाम जुड़वाने वाले मतदाता के फार्म को पूर्ण होने पर ही प्राप्त किया जाये। मतदाता से अपूर्ण फार्म न लिये जायें।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजन ने जिलों में विगत 3 वर्षों में मतदाता सूची में जुड़े नाम एवं हटाए गए नामों के मतदाताओं की संख्या की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि महिला मतदाताओं का प्रतिशत अनुमानित लिंगानुपात के अनुरूप ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन आवेदकों के फॉर्म विगत 30 दिन से अधिक अवधि से लंबित है उनका निराकरण समय-समय पर निष्पादित करना सुनिश्चित किया जाये। ऑनलाइन प्राप्त हो रहे आवेदन-पत्रों की भी एंट्री ऐप के माध्यम से करने के लिए बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाए। सभी जिलों में ऐप पर हो रही ऑनलाइन एंट्री में अभी सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने सभी उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बीएलओ को नवीन तकनीकों में प्रशिक्षित करने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाये। निर्देश दिये गये कि कई जिलों में बीएलओ के पास या तो अधिक काम होता है या ठीक ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं या अन्य कारण हो, ऐसे बीएलओ को हटाने की कार्यवाही भी कर दूसरे मेहनतकश सेवक को लगाया जाये।
बैठक में संभागायुक्त श्री संदीप यादव ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को आश्वस्त करते हुए कहा है कि दिये गये निर्देशों का समय-सीमा में संभाग के उप जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं निर्वाचन से जुड़े सुपरवाइजर, पर्यवेक्षकों आदि से कार्यवाही पूर्ण कराई जायेगी। श्री यादव ने उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि दिये गये निर्देशों का समय-सीमा में पालन किया जाना सुनिश्चित करें। बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजेश कौल, उज्जैन संभाग के उपायुक्त राजस्व श्री एसआर नायर, भोपाल निर्वाचन आयोग के प्रोग्रामर श्री विनय देशमुख, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों में श्री वीरेन्द्रसिंह दांगी सहित संभाग के अन्य जिलों के उप जिला निर्वाचन अधिकारी, ईआरओ, पर्यवेक्षक, सुपरवाइजर आदि उपस्थित थे।