पंचायत,निकाय चुनाव पर शिवराज सरकार पर बरसी कांग्रेस, कहा-सुप्रीम कोर्ट में गलत आंकड़े पेश किए

 पंचायत,निकाय चुनाव पर शिवराज सरकार पर बरसी कांग्रेस, कहा-सुप्रीम कोर्ट में गलत आंकड़े पेश किए


    सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है और कहा कि सरकार ओबीसी वर्ग के साथ धोखा करने के षड्यंत्र में पूरी तरह कामयाब हो गई है, क्योंकि भाजपा ने ओबीसी आरक्षण को लेकर गलत आंकड़े सुप्रीम कोर्ट में पेश किए हैं।

    भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना कराने के निर्देश दिए हैं।सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद शिवराज सरकार ने रिट पिटीशन याचिका लगाने की बात कही है।वहीं इस फैसले के बाद कांग्रेस शिवराज सरकार और बीजेपी पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने ओबीसी वर्ग को लेकर गलत आंकड़े कोर्ट में पेश किए जिसके चलते यह नतीजा आया है।

      कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ओबीसी वर्ग के साथ धोखा करने के षड्यंत्र में कामयाब हो गई है, क्योंकि भाजपा ने ओबीसी आरक्षण को लेकर गलत आंकड़े पेश किए, कोर्ट में ट्रिपल टेस्ट की जानकारी नहीं दी गई।जिससे स्पष्ट है कि प्रदेश का ओबीसी वर्ग भाजपा के खिलाफ है। भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना होगा।

ओबीसी आरक्षण विरोधी है बीजेपी -  अरुण यादव 

वहीं इस फैसले के बाद कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ओबीसी आरक्षण विरोधी है।जिसके चलते यह स्थिति बनी।

     अरुण यादव ने कहा सरकार ने कोर्ट में गलत आंकड़े पेश किए. उन्होंने प्रदेश की ओबीसी वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाए, यादव ने कहा कि एमपी में ओबीसी वर्ग की 56 फीसदी आबादी है, लेकिन आयोग ने इस आबादी को 48 प्रतिशत क्यों दर्शाया, ये आंकड़े कहां से जुटाया गए।सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।

अरुण यादव ने कहा कि ओबीसी वर्ग को आरक्षण देना होता तो सरकार सही आंकड़े पेश करती सरकार, लेकिन यह सरकार ओबीसी को आरक्षण नहीं देना चाहती, क्योंकि शिवराज सरकार आरएसएस का एजेंडा आगे बढ़ाना चाहती है, इसका खामियाजा 2023 में भुगतना पड़ेगा।

     सुप्रीम कोर्ट का फैसला 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य चुनाव आयोग से कहा है कि वो पंचायत चुनाव को लेकर 2 हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करें. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मध्यप्रदेश में बिना OBC आरक्षण के ही स्थानीय निकाय के चुनाव होंगे. कोर्ट ने राज्‍य चुनाव आयोग को दो हफ्ते में अधिसूचना जारी करने को कहा है. कोर्ट ने ये भी कहा कि पिछले दो साल से स्थानीय निकायों के करीब 23 हजार पद खाली पड़े हैं. हर पांच साल में चुनाव कराना सरकार का संवैधानिक दायित्व है. आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता।