मंदिर भूमि पुजारी आंदोलन मुख्यमंत्री की भावना का सम्मान किंतु अधिकारियों की बाजीगरी चलते विश्वास नहीं

 मंदिर भूमि पुजारी आंदोलन मुख्यमंत्री की भावना का सम्मान किंतु अधिकारियों की बाजीगरी चलते विश्वास नहीं 


उज्जैन।  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्राह्मण समाज एवं भूमि पुजारियों को लेकर बहुत बड़ी बड़ी बातें की है परंतु मुख्यमंत्री बात पर ब्राह्मण समाज को जरूर विश्वास है परंतु अधिकारियों की बाजीगरी को लेकर   वह कतई विश्वास करने को तैयार नहीं है। इसको लेकर उन्होंने चेतावनी भी दी है मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप बाते सामने नहीं आई तो ब्राह्मण समाज एक बार फिर से आंदोलन के लिए मैदान में आएगा।

  उज्जैन -अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी महामंत्री पंडित तरुण उपाध्याय सचिव पंडित शैलेंद्र द्विवेदी मध्य प्रदेश तीर्थ पुरोहित महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष पंडित मनीष उपाध्याय पुजारी तीर्थ पुरोहित पुजारी इकाई प्रदेश अध्यक्ष पंडित जयप्रकाश पुरोहित ओंकारेश्वर खंडवा प्रदेश महामंत्री पंडित गोपाल जोशी देवास राष्ट्रीय केसरिया हिंदू वाहिनी के संस्थापक जितेंद्र दास महाराज सीतामऊ विधि सलाहकार विनोद माली एडवोकेट आलोट, राष्ट्रीय मठ मंदिर पुजारी महापंचायत मध्यप्रदेश के अशोक भट्ट  पंडित दिनेश तिवारी तराना, देपालपुर इंदौर पुजारी संगठन के प्रवीण शर्मा  , बड़नगर पुजारी संगठन के प्रमुख शालगराम महाराज, मध्यप्रदेश पुजारी उत्थान एवं कल्याण समिति के संरक्षक नरहरी  प्रपन्न उज्जैन, प्रदेश अध्यक्ष महंत मंगल भारती धार, दशपुर सकल पुजारी महासमिति के प्रदेश संयोजक रामगिरी महाराज डंडा वाला पचोर ,प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पुरी गोस्वामी एडवोकेट मंदसौर ;भारत पुरी गोस्वामी इंदौर ;अश्विन डिंडोरकर खाचरोद ,महेश शर्मा ताल ; आदि ने  जारी बयान में कहा कि विगत 3 मई परशुराम जयंती पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा भोपाल में भगवान परशुराम की मूर्ति अनावरण समारोह में मंदिर भूमि नीलामी के संबंध में दिए गए वक्तव्य का स्वागत करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश के पुजारी आंदोलन से जुड़े सभी संगठन एवं पुजारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भावना का आदर करते हैं किंतु सामान्य प्रशासन विभाग एवं धर्मस्व विभाग के अधिकारी ब्यूरोक्रेट्स पर पुजारी संगठनों को विश्वास नहीं है क्योंकि वर्ष 2018 में भी मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश के पुजारी संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यही आश्वासन दिया था किंतु बाद में दूसरे ही दिन आदेश पुजारियों की मंदिर भूमि नीलामी के विरुद्ध निकला था जब तक आदेश  विधिवत लिखित में पुजारी संगठनों को अपने अनुरूप प्राप्त नहीं होगा तब तक पुजारी आंदोलन स्थगित नहीं किया जाएगा सभी पुजारी संगठन आदेश की प्रतीक्षा में हैं आदेश अनुरूप होने पर सरकार व मुख्यमंत्री का स्वागत किया जाएगा यदि आदेश पुजारियों की और मंदिर भूमि आंदोलन के अनुरूप नहीं हुआ तो आंदोलन को और व्यापक रूप से चलाया जाएगा