मुख्यमंत्री के कहने के बाद भी नहीं निकले, मंदिर भूमि नीलामी के स्थगित होने के आदेश, पुजारियों में आक्रोश
उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों भोपाल में आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में आदेश दिया था कि मंदिर भूमि की नीलामी नहीं की जाएगी, परंतु आज 12 दिन बीतने के बाद भी उनके आदेश पर कोई अमल नहीं हुआ। ब्राह्मण समाज ने मांग की है कि नगरीय निकाय चुनाव की जारी आचार संहिता के पूर्व आदेश जारी किए जाएं अन्यथा चुनाव में अधिकारी अपनी मनमानी कर आदेश को धता बता देंगे।
अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ,महामंत्री पंडित तरुण उपाध्याय ,सचिव पंडित शैलेंद्र द्विवेदी, मध्य प्रदेश तीर्थ पुरोहित महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष पंडित मनीष उपाध्याय zपुजारी तीर्थ पुरोहित पुजारी इकाई प्रदेश अध्यक्ष पंडित जयप्रकाश पुरोहित ओंकारेश्वर खंडवा प्रदेश महामंत्री पंडित गोपाल जोशी देवास राष्ट्रीय केसरिया हिंदू वाहिनी के संस्थापक जितेंद्र दास महाराज सीतामऊ विधि सलाहकार विनोद माली एडवोकेट आलोट, राष्ट्रीय मठ मंदिर पुजारी महापंचायत मध्यप्रदेश के अशोक भट्ट पंडित दिनेश तिवारी तराना, देपालपुर इंदौर पुजारी संगठन के प्रवीण शर्मा , बड़नगर पुजारी संगठन के प्रमुख शालगराम महाराज, मध्यप्रदेश पुजारी उत्थान एवं कल्याण समिति के संरक्षक नरहरी प्रपन्न उज्जैन, प्रदेश अध्यक्ष महंत मंगल भारती धार, दशपुर सकल पुजारी महासमिति के प्रदेश संयोजक रामगिरी महाराज डंडा वाला पचोर ,प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र पुरी गोस्वामी एडवोकेट मंदसौर ;भारत पुरी गोस्वामी इंदौर ;अश्विन डिंडोरकर खाचरोद ,महेश शर्मा ताल ; आदि ने बयान जारी करते हुए कहा कि 3 मई परशुराम जयंती पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा भोपाल में भगवान परशुराम की मूर्ति अनावरण समारोह में मंदिर भूमि नीलामी तथा पुजारियों के मानदेय के संबंध में दिए गए वक्तव्य के संबंध में संयुक्त प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा है कि यदि मध्य प्रदेश की सरकार व मुख्यमंत्री की मंशा व भावना यदि ठीक है तो मध्यप्रदेश में आगामी पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव के पूर्व ही मंदिर भूमि नीलामी स्थगित आदेश तथा मंदिर के पुजारियों का मानदेय बढ़ोतरी आदेश चुनाव आचार संहिता लगने के पूर्व ही तुरंत निकाला जाए ।
उन्होंने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा किए हुए भी लगभग 12 दिन हो गए हैं किंतु आज तक धर्मस्व विभाग ने इस संबंध में कोई आदेश नहीं निकाला है । आचार संहिता लगने के बाद यदि मंदिर भूमि नीलामी आदेश यदि नहीं निकाले गए तो संपूर्ण प्रदेश में राजस्व अधिकारी अपनी मनमानी कर मंदिर के पुजारी मठों के महंतो को परेशान कर राजस्व उगाही में लग जाएगी।जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।