भारतीय जनता पार्टी के 20 नंबर वार्ड से प्रकाश शर्मा की जीत सुनिश्चित - लाज बचाने के लिए कांग्रेस के पास कोई सशक्त प्रत्याशी नहीं मिला !

 भारतीय जनता पार्टी के 20 नंबर वार्ड से प्रकाश शर्मा की जीत सुनिश्चित

    - लाज बचाने के लिए कांग्रेस के  पास कोई सशक्त प्रत्याशी नहीं मिला !


उज्जैन।नगर निगम चुनाव को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है, नाम वापसी के बाद सारे समीकरण सामने आने लगे हैं। दोनों पार्टियों की कमजोरियां और बाजीगरी भी सामने आने लगी है।आज से हम प्रतिदिन हर वार्ड के उम्मीदवारों के संबंध में आपसे रूबरू होंगे।और उस बारे में बात करेंगे कि आपके वार्ड में ऊंट किस करवट बैठेगा ? जिसके आधार पर आप नगर सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। शहर के सभी वार्डो की खबरें भी छन छन कर सामने आ रही है। ऐसा ही एक वार्ड 20 नंबर है। जहां से कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को तश्तरी में सीट सजाकर भेंट कर दी है। यहां से दो बार के पार्षद रहे प्रकाश शर्मा के खिलाफ कोई सशक्त उम्मीदवार ही नही है,इसलिए शर्मा की जीत सुनिश्चित है।

    भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच में अंतर यही है, बीजेपी ठोक बजाकर उसके परिवार के इतिहास आधार पर प्रत्याशी का चयन कर निर्णय लेकर टिकट देती है। जबकि कांग्रेस पार्टी में कोई वजनदार नेता के कहने पर टिकट बाट दिए जाते है।ऐसा ही टिकट कांग्रेस पार्टी ने वार्ड 20 में पूर्व सभापति आजाद यादव के कहने पर महेश शर्मा को दिया था।शर्मा पिछले 2 वर्षों से वार्ड में मेहनत कर जमीनी मजबूत कर रहे थे, परंतु एन समय उन्होंने नामांकन पत्र ही दाखिल नहीं किया। इस वजह से कांग्रेस का कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं रहने से कांग्रेस पार्टी ने अनारक्षित वार्ड से एक अनुसूचित जाति वर्ग के प्रत्याशी को टिकिट देकर अपनी लाज बचाने बचाने के लिए मैदान में उतारा।

      इस अनारक्षित वार्ड दो बार के पार्षद रहे प्रकाश शर्मा की स्थिति इतनी मजबूत है कि वह 24 घंटे मतदाताओं के लिए लगातार उपलब्ध रहते हैं। उनका एक ही काम है कि मतदाताओं को वार्ड में कोई तकलीफ न हो, इसके लिए वह सतत काम करते रहते हैं।हालांकि महेश शर्मा भी एक जमीनी नेता हे जो वर्षो से कांग्रेस पार्टी का काम कर रहे थे।

     इसी आधार पर कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था। परंतु प्रकाश शर्मा का टिकट होने के बाद महेश शर्मा के परिवार वालों ने उनका साथ देने से ही इनकार करते हुए हाथ खड़े कर दिए। जबकि दोनों परिवार आपस में रिश्तेदार हैं और उनका परिवार प्रकाश शर्मा का मजबूत जमीनी आधार से अच्छी तरह वाकिफ है।इसी वजह से महेश शर्मा ने अपना नामांकन दाखिल ही नहीं किया। इस वजह से प्रकाश शर्मा की जीत की उसी दिन मोहर लग गई।  हालाकि कांग्रेस पार्टी ने अपनी लाज बचाने के लिए कई दावेदारों को तैयार किया, परंतु प्रकाश शर्मा के आगे कांग्रेस का कोई भी दावेदार चुनाव लड़ने की हिम्मत नही जुटा पाया।थक हार कर कांग्रेस ने अनुसूचित जाति वर्ग के एक प्रत्याशी को मैदान में उतार कर अपनी लाज बचाने का प्रयास किया।

   नोट - आप अपने वार्ड की जानकारी 94253 79666 पर दे सकते हैं।साथ ही कोन जीत रहा हे ओर क्यों जीत रहा के साथ राजनितिक समीकरण से भी आप अवगत करा सकते हे ,ताकि आपको विस्तृत सही खबर मिल सके।धन्यवाद