काफी जद्दोजहद के बाद भाजपा ने पार्षद उम्मीदवारों की सूची जारी की, 5 नाम रोके गए, कई वरिष्ठ हो दरकिनार कर अपनों समर्थको को मौका दिए जाने का आरोप
उज्जैन।नगर निगम चुनाव जैसे-जैसे मतदान का दिन नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे राजनीतिक दलों में सरगर्मियां बढ़ती जा रही है हालांकि दोनों दलों के महापौर प्रत्याशी घोषित होने के बाद आज काफी माथापच्ची के बाद भारतीय जनता पार्टी ने 54 में 49 वार्ड पार्षद पद के उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसके जारी होने के साथ ही इसमें अधिकांश वरिष्ठ पार्षदों को चुनाव मैदान से दरकिनार करते हुए युवाओं को मौका दिया गया है। हालांकि अधेड़ उम्र वाले भी अपने चहते पार्षद पद के उम्मीदवार शामिल है।इससे भाजपा में आने वाले दिनों में कई बागियों के मैदान में खड़े होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
उज्जैन नगर निगम के 49 वार्ड पार्षदों की सूची भारतीय जनता पार्टी ने काफी जद्दोजहद के बाद आज जारी की, इस सूची पर नजर दौड़ाए तो ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी इस कदर आत्म विश्वास से भरी हुई है कि उन्हें किसी वरिष्ठ पार्षद की कोई जरूरत नहीं दिखाई दे रही है और वह यह मान कर चल रही है पार्षद चुनाव में व्यक्ति से बड़ा पार्टी का चुनाव चिन्ह है, इसी वजह से वह बड़ी संख्या में वरिष्ठ पार्षदों के टिकिट काटकर अपनो को मौका दिया है। जबकि वार्ड का छोटा चुनाव होता है और इसमें चुनाव चिन्ह से बड़ा व्यक्ति माना जाता है।
लंबे समय से राजनीति में पार्षद का चुनाव जीतकर अपनी पहचान बनाने वाले नेताओं को राजनीति से दूर धकेलने के लिए उनके टिकट काटे गए हैं। भाजपा के गलियारों में यह भी चर्चा है कि उज्जैन के दोनों विधायकों ने मिलकर महापौर और पार्षदों के टिकट का चयन किया है। यह भी चर्चाएं की एक विधायक के भाई ने महापौर का टिकट कराया और दूसरे ने उज्जैन के तमाम पार्षदों के टिकट उनकी सहमति से इसलिए मिलजुल कर टिकिट चयन किए हैं ताकि उनकी बहन को नगर निगम सभापति बनने में कोई वरिष्ठ पार्षद रोड़ा न अटका दें, इसीलिए वरिष्ठ पार्षदों के टिकट पर गाज गिरी है। जिन वार्डों में टिकट ओके रहे हैं उनमें वार्ड क्रमांक 6, 42 23, 29 और 38 है। वार्ड 38 से बुद्धि प्रकाश सोनी चुनाव लड़ना चाहते थे और उन्होंने इसके लिए फार्म जमा करा दिया है। परंतु दिन में जो सूची मीडिया में आई थी उसमें अनिल गुप्ता को टिकट फाइनल कर दिया गया था।
सिंधिया समर्थकों को सिर्फ दो टिकट
कमलनाथ की सरकार को गिरा कर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को उज्जैन में केवल दो टिकट से ही संतोष करना पड़ा। एक टिकट वार्ड क्रमांक 5 से दिलीप परमार और 35 से नारायण सिंह भाटिया के भतीजे संग्राम सिंह भाटिया को टिकट दिया गया है। जबकि कांग्रेस में रहने के दौरान सिंधिया समर्थकों के बड़ी संख्या में पार्षद के टिकट चुनाव में मिलते रहे है। इसी तरह जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जय सिंह दरबार इन्होंने कांग्रेस को त्याग कर भारतीय जनता पार्टी का पल्ला पकड़ा है वह अपने भाई विजय सिंह दरबार तक को टिकट दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए।
जिनके टिकट काटे गए हैं इनमें प्रमुख रूप से राजश्री शर्मा, राधेश्याम वर्मा की पत्नी ,शिवेंद्र तिवारी, संतोष यादव,संतोष व्यास, ऋषि नगर से बीजेपी के बागी होकर पिछले चुनाव में जीते विकास मालवीय, भंवर सिंह चौधरी की बहू गीता चौधरी, गिरीश शास्त्री, नीलू खत्री के पुत्र,सत्यनारायण चौहान,निशा सेंगर, रिंकू बेलानी आदि शामिल हे। रिंकू बेलानी का टिकट क्यों काटा गया इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा है।
पूर्व महापौर मदन लाल ललावत के पुत्र राजकमल ललावत का टिकट भी काट दिया गया इससे पूर्व महापौर ललावत काफी आहत है उन्होंने कहा कि 15 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी का इस वार्ड में कोई पार्षद नहीं जीत पाया परंतु उन्होंने अपने वार्ड से यह धब्बा दूर किया और भारतीय जनता पार्टी को पिछले चुनाव में विजय बनाया।