भाजपा के बाद अब कांग्रेस में असंतोष का लावा फूटा,पूर्व विधायक डॉ जोशी का पुतला फूंका

 भाजपा के बाद अब कांग्रेस में असंतोष का लावा फूटा,पूर्व विधायक डॉ जोशी का पुतला फूंका


उज्जैन।नगर निगम चुनाव को लेकर दोनों ही दलों में कार्यकर्ता अपना आपा खो बैठे हैं।भारतीय जनता पार्टी के बाद अब कांग्रेस में भी कार्यकर्ताओं का ज्वालामुखी फूट गया है,  टिकट से वंचित कई दावेदारों ने आज कांग्रेस कार्यालय पर जाकर पूर्व विधायक डॉ बटुक शंकर जोशी तथा शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनके पुतले फुके। भारतीय जनता पार्टी बागियों पर डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है जबकि कांग्रेस पार्टी ऐसा करने में पूरी तरह नाकाम दिखाई दे रही है। ये आक्रोशित कार्यकर्ताओ का सामना करने की बजाय घरों में दुबक गए

    भारतीय जनता पार्टी के बाद कल देर रात कांग्रेसमें अपने सभी वार्ड पार्षदों की उम्मीदवारों की सूची जारी की हालांकि इस सूची में अधिकांश उम्मीदवार काफी मजबूत दिए हैं परंतु कुछ स्थानों पर ऐसे लोगों को टिकट दे दिए गए जिनका कोई जनाधार नहीं है कुछ कार्यकर्ताओं इसको लेकर काफी असंतोष नजर आया इन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि गीता पुत्रों को घर बैठे टिकट दे दिए गए जबकि पार्षद का चुनाव कार्यकर्ताओं का चुनाव होता है युवा कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता बबलू खींची, संचित शर्मा एनएसयूआई के शहर अध्यक्ष अंबर माथुर सहित सैकड़ों लोगों ने आज कांग्रेस कार्यालय घेर लिया डॉ बटुक शंकर जोशी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

      बबलू खींची का कहना था कि राजेश वशिष्ठ विधायक का चुनाव भी लड़ ले उनकी पत्नी पार्षद का चुनाव भी लड़ ले, माया त्रिवेदी विधानसभा का निर्दलीय चुनाव हार जाए उन्हें भी टिकिट दे ऐसे कई नेता पुत्र की काबिलियत भले ही कुछ न हो परंतु वे नेता जी के पुत्र हे इस वजह से उन्हें बिना मेहनत के टिकिट मिल गए। खींची का आरोप हे कि उन्होंने 2010 ,15 ओर 2022 में टिकिट मांगा नही दिया गया आज उनको उम्र 43 साल हो गई अब टिकिट नही देंगे तो कब देंगे। 

    पिछले काफी समय से छात्र राजनीति में काम करने वाले की चीन का कहना है कि वह लगातार छात्र छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लड़ाई लड़ते आ रहे हैं जिसका उन्हें यह पुरस्कार मिला उन्हें टिकट से ही वंचित कर दिया गया जबकि उनका नाम प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के  प्रभारी की ओर से रखा गया था, परंतु उनका नाम कहां गया या किसी को बताने की जरूरत नहीं है। इन्हीं नेताओं की वजह से मेरा टिकट काट दिया गया।